डेट सीलिंग बिल को लेकर चल रही बातचीत का फैसला अमेरिकी संसद ने कर दिया है. अब अमेरिका डिफॉल्ट होने के खतरे से बच गया है. बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस ने डेट सीलिंग बिल को मंजूरी दे दी है.
जिसके बाद सिर्फ अमेरिका से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से बड़ा खतरा टल गया है. साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी को होने वाले संभावित नुकसान से भी राहत मिल गई है.
अब सभी की निगाहें अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट पर है. यहां से मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका के लिए रास्ता पूरा साफ हो जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सीनेट से अपीन की है वो जल्द से जल्द वोट करें और इस बिल हो पास करें. इससे पहले डेट क्राइसिस पर बाइडन एडमिनिस्ट्रेशलन और मैक्कार्थी के बीच डेट सीलिंग को लेकर मतभेद खत्म हो गए थे और सहमति बनी थी.
जानकारी के अनुसार अमेरिकी संसद के निचले सदन में डेट सीलिंग के फेवर में 314 वोट पड़े और विरोध में 117 वोट आए. अमेरिकी संसद के निचले सदन से पास होने के बाद से उच्च सदन सीनेट के पास भेजा जाएगा. जो बाइडन ने कहा कि यह कदम अमेरिका को डिफॉल्ट होने के खतरे से बचाया गया है. अगर सीनेट से भी बिल पास हो जाता है तो दो साल के लिए अमेरिका की डेट लिमिट में इजाफा हो जाएगा.
कितना है यूएस पर कर्ज
अगर बात अमेरिका पर कर्ज की करें तो 31 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. जबकि अमेरिकी ट्रेचरी के हाथों में 25 मई तक कैश 40 बिलियन डॉलर भी नहीं बचा था. अमेरिका रोज डेढ़ बिलियन डॉलर ब्याज के तौर पर भुगतान करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से अमेरिका की परेशानियां बढ़ती जा रही है. यही वजह है अमेरिकी सरकार के लिए डेट सीलिंग लिमिट को बढ़ाना मजबूरी बन गया था. अब अमेरिकी संसद के एक सदन ने बिल को पास कर दिया है और अमेरिका की सरकार को उम्मीद है कि दूसरा सदन भी बिल को पास कर देगा. ताकि अमेरिका की कर्ज लेने की सीमा में इजाफा हो सके.
वर्ना उठाने पड़ते बड़े खतरे
अगर अमेरिका डिफॉल्ट कर जाता तो सिर्फ अमेरिका को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को इसके असर का सामना करना पड़ता. अमेरिका से 83 लाख नौकरियों पर संकट आ जाता. अमेरिकी स्टॉक मार्केट क्रैश हो जाता. अमेरिकी जीडीपी में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिलती. देश में बेरोजगारी दर 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाती. बैकिंग क्राइसिस में और भी ज्यादा इजाफा देखने को मिलता. डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिलती और अमेरिका के साथ पूरी दुनिया रिसेशन में दौर में चली जाती.