नाहन, 27 जुलाई। नशा एक सामाजिक बुराई है जो तेजी के साथ युवाओं को अपनी गिरफत में जकड़ रहा है। युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृति एक गंभीर समस्या के साथ-साथ अभिभावकों के लिये भी बड़ी चुनौति उभरकर सामने आ रही है। यह बात उपायुक्त सुमित खिमटा ने वीरवार को उनके कार्यालय सभागार में नार्कोटिक्स क्वार्डिनेशन सेंटर (नकोर्ड) समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा हालांकि एनडीपीएस के अंतर्गत नशे की तस्करी करने वालों के लिये कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन ऐसे असमाजिक तत्वों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिये जन-जन के सहयोग की जरूरत है। समाज का यदि प्रत्येक व्यक्ति सहयोग करें तो नशे को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
सुमित खिमटा ने कहा कि विभिन्न विभागों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा समाज के नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन सार्थक परिणाम अभी अपेक्षित हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर अध्यापकों तथा बच्चों के अभिभावकों को ऐसे बच्चों की जानकारी अवश्य होती है जो कहीं न कहीं नशीले पदार्थों का प्रयोग कर रहे हैं। यह चिंता की बात है कि नशे के तस्करों तथा उपयोगकर्ताओं की जानकारी लोग पुलिस को सांझा करने में अभी भी झिझकते हैं और यही कारण है कि ऐसे असामाजिक तत्वों को बल मिलता है। उन्होंने स्कूली स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिये उपनिदेशक को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जमा दो स्कूलों में अध्यापकों को प्रत्येक बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने की जरूरत है और यदि कोई युवा नशे का प्रयोग कर रहा है तो तुरंत से उसकी सूचना पुलिस को दें ताकि नशा बेचने वालों पर नकेल कसी जा सके।
सुमित खिमटा ने कहा कि उपमण्डल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में समितियों के गठन की जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी जो नशीले पदार्थों की लगातार निगरानी करेंगी। उन्होंने कहा कि पुलिस को दो वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि नशीले पदार्थों के विक्रेताओं और उपयोगकर्ताओं को पकड़ने में मदद मिले। उन्होंने पुलिस तथा वन विभागों को सीसीटीवी कैमरों तथा ड्रोन की मदद से नशीले पदार्थों की खेती तथा तस्करी की निगरानी करने की भी बात कही। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में निजी क्षेत्र में पांच नशा पुनर्वास केन्द्र कार्य कर रहे हैं। उन्होेंने पुलिस तथा संबद्ध विभागों को इन केन्द्रों में जाकर युवाओं की काउंसलिंग करने को कहा।
जानलेवा चिट्टा पर कड़ी नजर रखने की जरूरत
पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा ने कहा कि चिट्टा की समस्या बहुत गंभीर है और यह एक जानलेवा नशीला पदार्थ है। चिट्टे को समाज से समाप्त करना जरूरी है और इसके लिये समस्त हितधारकों, पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों व सभी लोगों को सहयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिट्टा बेचने तथा इसका प्रयोग करने वालों की एक लंबी चेन है जिसे तोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि चिट्टे की गिरफ्त में छोटी आयु के युवाओं को फंसाया जा रहा है। चिट्टा एक महंगा नशीला पदार्थ है जो कुछ ही अर्से में व्यक्ति को जानलेवा बन जाता है। यही नहीं व्यक्ति अपराधिक प्रवृति का हो जाता है और नशे की लत को पूरा करने के लिये चोरी तक करने लगता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने नशा तस्करों तथा इसका उपयोग करने वालों की जानकारी देने के लिये एक व्हाट्सएप नम्बर 9317082032 जारी किया है। उन्होंने लोगों से किसी भी प्रकार के नशे के संबंध में तुरंत से पुलिस को इस नम्बर पर सूचना देने का आग्रह किया है। सूचना देने वाले की पहचान को भी गोपनीय रखा जाता है। उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति को जहां कहीं पर भी नशीले पदार्थ युवाओं को बेचने वाले का पता चले, तुरंत से पुलिस को इस नम्बर पर सूचित करें।
पुलिस अधीक्षक ने प्रस्तुति के माध्यम से अवगत करवाया कि पुलिस की टीमें समय समय पर जिला के संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर नशीले पदार्थों की खेती को नष्ट करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों के दौरान एनडीपीएस के तहत जिला में कुल 426 मामले दर्ज किये गए हैं। कुल 552 व्यक्तियों को एरेस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि चरस, भांग अफीम की खेती करने वालों की सूचना मिलने पर तुंरत से पुलिस इस खेती को नष्ट करने का कार्य कर रही है और दोषी के विरूद्ध मामला दर्ज किया जाता है। उन्होंने नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिये पंचायती राज संस्थानों, स्वयं सेवी संस्थाओं, वन व शिक्षा विभागों तथा पटवारियों व राजस्व अधिकारियों के सहयोग की भी बात कही।
उपायुक्त के सहायक आयुक्त विवेक शर्मा सहित पुलिस, वन, शिक्षा व अन्य विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
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