नाबालिग को अगवा करने के दो आरोपियों को सजा दो साल कारावास और 10-10 हजार जुर्माने की सुनाई है सजा ।

नाबालिग को अगवा करने के दो आरोपियों को सजा
दो साल कारावास और 10-10 हजार जुर्माने की सुनाई है सजा

मंडी। नाबालिग को साजिश करके अगवा करने के दो आरोपियों को अदालत ने दो-दो साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी द्वारा जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हें तीन-तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। विशेष न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट (पोक्सो) की अदालत ने पैलेस कालौनी निवासी पारस गुप्ता और सदर तहसील के पटयानी (ब्रिखमणी) निवासी प्रवीन कुमार के खिलाफ भादंस की धारा 363 और 120-बी के तहत अभियोग साबित होने पर दो-दो साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता के पिता ने 11 जुलाई 2017 को शहरी पुलिस चौकी में सूचना दी थी कि पीडिता अपने ननिहाल गई हुई थी लेकिन वह घर नहीं लौटी है। उन्होंने संदेह जताया कि कोई व्यक्ति उनकी बेटी को ले गया है। पुलिस ने पीड़िता को अगवा करने की प्राथमिकी दर्ज करके मामले की तहकीकात शुरू की थी। तहकीकात के दौरान पीड़िता के पिता ने बताया था कि करीब तीन साल पहले आरोपी पारस गुप्ता ने पीड़िता से छेड़खानी की थी। जिस पर उन्होंने आरोपी को डांटा था। पुलिस को पता चला कि आरोपी पारस गुप्त घर से गायब है और उसे बग्गी-चैलचौक की ओर पीड़िता के साथ एक वाहन में जाता हुआ देखा गया है। जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता को थुनाग तहसील के चियुणी से बरामद किया था। जबकि आरोपी को भी चियुणी में ही हिरासत में ले लिया गया था। तहकीकात के दौरान पीड़िता ने बताया कि आरोपी करीब दो-तीन महिनों से उसके साथ बात कर रहा था। घटना वाले दिन आरोपी ने उसे घर छोड़ने के लिए कार में बिठाया लेकिन वह उसे चियुणी ले गया और उसे आरोपी प्रवीण कुमार के क्वाटर में ठहराया। पीड़िता के अनुसार आरोपी ने उसके साथ गल्त काम नहीं किया था इसलिए उसका मेडिकल नहीं करवाया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक चानन सिंह ने 14 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ साजिश के तहत नाबालिगा को अगवा करने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों को उक्त सजा का फैसला सुनाया है।

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