नाहन, 18 दिसम्बर। उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा है कि जिला सिरमौर में लिंग अनुपात गत वर्ष की अपेक्षा बेहतर हुआ है उन्होने बताया कि वर्ष 2022-23 में यह अनुपरात 978 था वहीं इस वर्ष अभी तक यह अनुपात 1027 है। यद्यपि पहले के मुकाबले वर्तमान में समाज में बेटियों के जन्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है परन्तु हम सभी को मिलकर इस दिशा में और अधिक बेहतर तथा ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है।
उपायुक्त सिरमौर के सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला स्तरीय कार्यबल समीति की बैठक आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त सुमित खिमटा ने की।
उपायुक्त ने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न जनहितैषी योजनाओं की जानकारी सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुचाने के निर्देश दिये ताकि कोई भी पात्र लाभार्थी सरकार द्वारा चलाई गई इन योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिरमौर जिला में लिंगानुपात की बात की जाये तो पांवटा बाल विकास खंड में लिंगानुपात 1052, नाहन में 1036, शिलाई में 1066, संगड़ाह में 971, राजगढ़ में 989, पच्छाद में 949 है। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों के साथ समाज को भी जिला में बेटियों के लिंगानुपात में बढ़ौतरी करने के लिए बेहतर प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में संस्थागत प्रसव गत वर्ष 87 प्रतिशत था जबकि इस वर्ष 90 प्रतिशत हुआ है। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को जागरूकता करना चाहिए। संस्थागत प्रसव से जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य की उचित देखभाल के साथ सरकार और विभाग की ओर से मिलने वाले प्रोत्साहन का उचित लाभ भी पात्र परिवार को मिल सकता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत एक महिला को पहले दो जीवित बच्चों के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में अभी तक 218 पात्र लाभार्थियों को लगभग 12 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पात्र लाभार्थी को 51 हजार की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है जिसके अंतर्गत जिला के 129 लाभार्थियों को लगभग 66 लाख की राशि का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत 173 लाभार्थियों को 54 लाख रुपये वितरित किए गए।
इसी प्रकार बेटी है अनमोल योजना के तहत बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की धनराशि की पोस्ट ऑफिस में एफ.डी. भी करवाई जाती है जो कि बेटी के 18 वर्ष पूर्ण होने पर उसे प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को पहली कक्षा से स्नातक तक की कक्षाएं उर्तीण करने पर छात्रवृति प्रदान की जा रही है जिसमें 1369 छात्राओं को 14 लाख 56 हजार 450 रुपये की छात्रवृति प्रदान की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सुनील शर्मा ने बैठक का संचालन करते हुए योजनाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान की।
इस दौरान पीओ डीआरडीए अभिषेक मित्तल, उप निदेशक उच्च शिक्षा कर्म चन्द, जिला पंचायत अधिकारी विक्रम ठाकुर, जिला समन्वयक कौशल विकास निगम मोनिका ठाकुर, जिला आयुष अधिकारी डॉ. राजन सिंह, स्वास्थ्य विभाग के डॉ. विनोद कुमार सांगल के अलावा विभिन्न खंडों के बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
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