मुख्य संसदीय सचिव सुंदर ठाकुर ने बाग़ी राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा को धमकी भरा पत्र मिलने को नौटंकी करार दिया है। बागियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दोनों का असली चेहरा प्रदेश की जनता के सामने आ चुका है, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए धमकी मिलने की ड्रामेबाज़ी की जा रही है। धमकी देने वाला कभी शुरूआत में प्रिय लिखता है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा समेत सभी बाग़ी छह विधायकों ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा और अब वह भाजपा की कठपुतली बने हुए हैं। बाग़ियों ने भाजपा के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी हुई सरकार को गिराने की साज़िश रची। कांग्रेस पार्टी की पीठ में छुरा घोंटकर पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशी के विरुद्ध मतदान किया और अब प्रदेश के लोगों के सामने अपना चेहरा दिखाने से भी डर रहे हैं। इसलिए बाग़ी आज एक राज्य से दूसरे राज्य भागने को मजबूर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि बाग़ी भी अच्छी तरह से जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश की जनता अवसरवादी राजनीति को माफ़ करने वाली नहीं है क्योंकि यह हिमाचल प्रदेश की संस्कृति नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधायक बनाकर सम्मान दिया, पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करने का मौक़ा दिया लेकिन बागियों ने कांग्रेस पार्टी के साथ विश्वासघात किया है। इसलिए वह असली मुद्दों से प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए धमकी मिलने की झूठी बातें कर रहे हैं। सत्य तो यह है कि बाग़ियों ने अपना ईमान भाजपा के पास गिरवी रख दिया है और अब प्रदेश के लोगों के सवालों का जवाब देते नहीं बन रहा है।
सुंदर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में जनसेवा का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। गरीब, किसान, महिला, कर्मचारी वर्ग समेत हर वर्ग के लिए योजनाएँ बन रही हैं और उन्हें धरातल पर लागू किया जा रहा है। मात्र सवा साल के छोटे से कार्यकाल में ही वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी दस चुनावी गारंटियों में से पांच को पूरा कर दिया है, जबकि अन्य गारंटियों को चरणबद्ध तरीक़े से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए समर्पित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साज़िशों का सबक़ प्रदेश की जनता षडयंत्रकारियों को अवश्य सिखाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर षड्यंत्र का मुक़ाबला करने को तैयार है और राज्य सरकार अपने पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूरी करेगी।
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