शिमला में आयोजित बाल साहित्य उत्सव का आगाज़

Read Time:5 Minute, 31 Second

शिमला 22 मार्च
भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बाल साहित्य उत्सव का आज शुभारंभ किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बाल साहित्य की विख्यात लेखिका रूपा पाई तथा मशहूर कार्टूनिस्ट उदय शंकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर, निदेशक डॉक्टर पंकज ललित तथा संयुक्त निदेशक मनजीत शर्मा तथा पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री निवास जोशी द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया।
विभाग के सचिव राकेश कंवर ने मुख्य अतिथि तथा उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
बाल साहित्य उत्सव के प्रथम सत्र में बाल साहित्य लेखिका रूपा पाई द्वारा लिखित पुस्तक ‘द योग  सूत्र’ की हीरेन, पृथा डोगर , रिदिमा शर्मा तथा शालिनी शर्मा ने समीक्षा करते हुए पुस्तक में विवेचित महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर किया तथा पुस्तक को युवाओं के लिए एक बहुत ही प्रेरणादाई बताया जिसमें योग साधना, चित्तशुद्धता, प्राणायाम इत्यादि का उल्लेख किया गया है।
इस सत्र में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी व प्रदेश के प्रख्यात लेखक व रंगकर्मी श्रीनिवास जोशी ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई ।
दूसरे सत्र में बाल काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसमें युवा कवि  वंशिका, सारिका, साक्षी राणा, वेदांश वर्मा, आहना, तन्नवी, विशाली शर्मा, आदित्य, एकता सोनी, नव्या, तन्नवि कोंडल, इशिता तथा आशिमा गौतम ने स्वरचित कविता पाठ किया। इस सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध लेखिका व रंगकर्मी भारती कुठियाला द्वारा की गई।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में प्रदेश के सुप्रसिद्ध कहानीकार व लेखक सुदर्शन वशिष्ठ द्वारा लिखित ‘हिमाचल की लोक कथाएं’ पुस्तक पर  शिवानी तथा आंचल द्वारा समीक्षा करते हुए कहानियों पर अपने विचार साझा किए। इस सत्र में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. भवानी सिंह ने मॉडरेटर की भूमिका निभाते हुए युवा छात्र-छात्राओं को सुदर्शन वशिष्ठ की लोक कथाओं को पढ़ने तथा अपनी लोक संस्कृति को सुरक्षित रखने का संदेश दिया।
कार्यक्रम के चैथे सत्र में प्रसिद्ध लेखक सुमित राजकी पुस्तक ‘शिमला बाजार’ पर भूमिका ठाकुर, प्रियंका तथा आयुषी वर्मा ने अपने विचार साझा किए। इस सत्र में सुप्रसिद्ध लेखिका उषा बंदे ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के पांचवें व अंतिम सत्र में स्कूली छात्र-छात्राओं की भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 20 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। भाषण प्रतियोगिता में प्रोफेसर नीना जैन, सहायक प्रोफेसर वनिता सुपैया तथा डॉक्टर सपना चंदेल ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
भाषा एवम संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने उपस्थित सभी युवा छात्र-छात्राओं के साथ अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए युवाओं से अपने पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी पढ़ने का आह्वान किया तथा कहा कि अधिक से अधिक अच्छी प्रेरणादाई पुस्तक पढ़ते रहने से ही विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास संभव हो पाएगा तथा आने वाले समय में समाज को एक नई दिशा मिल पाएगी।
कार्यक्रम में किकली चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष वंदना भागड़ा तथा अन्य सदस्य, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी के. आर. भारती, भाषा एवं संस्कृति विभाग की उप निदेशक कुसुम संघाइक, जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा, भाषा अधिकारी संतोष पटियाल तथा दीपा शर्मा उपस्थित रहे ।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post जिला निर्वाचन अधिकारी ने पंजाब से सटे सीमांत क्षेत्रों का किया दौरा, चुनावों के नजरिये से जांची व्यवस्था
Next post निर्दलीयों के विधायकी छोड़ने से खड़े हुए कई सवालः कांग्रेस
error: Content is protected !!