तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि भाजपा नेता प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए तर्कहीन बयानबाज़ी कर रहे हैं। विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के 34 जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रमित करने के लिए सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि 25 विधायकों से भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार से सरकार बना सकती है। यह कौन सा अंक गणित है। उन्होंने कहा कि 68 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में छह सीटें ख़ाली होने के बावजूद कांग्रेस के पास 34 विधायक हैं। प्रदेश सरकार पूर्ण बहुमत में है और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं और कांग्रेस पार्टी सभी छह सीटें जीतेगी। 6 उपचुनाव में से महज 1 सीट जीतने से भी कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल जाएगा, लेकिन भाजपा को पूर्ण बहुमत के लिए 10 सीटें चाहिए। हिमाचल प्रदेश की जनता ने 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देकर आशीर्वाद दिया था और अब उपचुनाव में कांग्रेस के पक्ष में सभी 6 सीटें जिताकर खरीद फरोख्त की राजनीति के विरुद्ध फैसला कर ईमान बेचने वालों और धनबल से सत्ता हथियाने की कोशिश करने वालों को सबक सिखाकर प्रदेश में उठापटक की राजनीति पर रोक लगाएगी।
2022 में हिमाचल की जनता ने 5 सालों के लिए कांग्रेस के पक्ष में जनादेश दिया है जिसे भाजपा ने धनबल से हथियाने का असफ़ल प्रयास किया जो जनता का अपमान है। लोकतंत्र में धनबल की न होकर अंततः जीत ज़नबल की होगी। भाजपा धनबल से बिकाऊ विधायकों को तो खरीद सकती है, उनके विधानसभा क्षेत्र के 9 लाख मतदाताओं को नहीं। कांग्रेस पार्टी को इन क्षेत्रों के मतदाताओं पर पूर्ण विश्वास है कि ये अपना फैसला देकर हमेशा के लिए खरीद फरोख्त और अनैतिक तरीकों से सत्ता हथियाने की कोशिश करने वाले सत्ता के लोभीयों को सबक सिखाएगी।
उन्होंने कहा कि उपचुनाव भाजपा नेताओं के लालच का नतीजा है। प्रदेश की जनता पर उपचुनाव का अनावश्यक बोझ डाला गया है। कुर्सी के लालच में भाजपा ने सरकार को गिराने का असफल प्रयास किया, जिसके लिए भाजपा नेताओं को प्रदेश की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों ने भाजपा नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी के साथ विश्वासघात किया और जनता उन्हें हर हाल में सबक़ बनाएगी।
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं ने विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस को सरकार बनाने और भाजपा को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया था। लेकिन, भाजपा नेता अपनी हार को अभी भी पचा नहीं पा रहे हैं, इसलिए धन-बल से जनादेश को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश की जनता समझदार है और अवसरवाद की राजनीति को क़तई पसंद नहीं करती है। जिस प्रकार से छह विधायकों ने अवसरवादी राजनीति का परिचय दिया है, वह प्रदेश की जनता के सामने है। अपने चुनाव क्षेत्र की मतदाताओं को वह बताएँ कि सवा साल में ही किस लालच में आकर वह भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव के लिए उतर रहे हैं। राज्य के मतदाता उन्हें सबक़ अवश्य सिखाएँगे और सभी छह सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को विजयी बनाएँगे।
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