भारत सरकार ने उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के अंतर्गत विशिष्ट कंपनियों द्वारा उत्पादित नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की विशिष्टताओं को अधिसूचित किया है। इसके बाद, देश में 26.62 करोड़ बोतलों (500 मिली प्रत्येक) की वार्षिक क्षमता वाले छह नैनो यूरिया संयंत्र और 10.74 करोड़ बोतलों (500/1000 मिली प्रत्येक) की वार्षिक क्षमता वाले चार नैनो डीएपी संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा, देश में नैनो यूरिया का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से, उर्वरक विभाग ने अपने सार्वजनिक उपक्रमों, अर्थात् राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) और राष्ट्रीय केमिकल्स एवं उर्वरक लिमिटेड (आरसीएफ) को नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
किसानों के बीच नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-
- नैनो यूरिया के उपयोग को विभिन्न गतिविधियों जैसे जागरूकता शिविर, वेबिनार, नुक्कड़ नाटक, क्षेत्र प्रदर्शन, किसान सम्मेलन और क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्मों आदि के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।
- संबंधित कंपनियों द्वारा नैनो यूरिया प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) पर उपलब्ध कराया जाता है।
- नैनो यूरिया को उर्वरक विभाग द्वारा नियमित रूप से जारी मासिक आपूर्ति योजना में शामिल किया गया है।
- आईसीएआर ने भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल के माध्यम से हाल ही में “उर्वरकों (नैनो-उर्वरकों सहित) के कुशल और संतुलित उपयोग ” पर राष्ट्रीय अभियान का आयोजन किया।
- नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) का आयोजन किया गया, जिसे 15 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया गया।
- 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार ने ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना शुरू की है। उक्त योजना के तहत उर्वरक कंपनियों द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की नमो ड्रोन दीदियों को 1094 ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं, ये ड्रोन नैनो उर्वरकों का अधिक उपयोग सुनिश्चित कर रहे हैं।
- उर्वरक विभाग ने उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर देश के सभी 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में परामर्श और क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों के माध्यम से नैनो डीएपी को अपनाने के लिए महा अभियान शुरू किया है। इसके अलावा, उर्वरक विभाग ने उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर देश के 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस के क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शनों और जागरूकता कार्यक्रमों के लिए अभियान भी शुरू किया है।
यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
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