जल विद्युत परियोजनाओं के साथ बैठक का आयोजन, उपायुक्त ने की अध्यक्षता

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शिमला, 31  जुलाई

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ रोजना हॉल में जिला में स्थापित विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया।  बैठक में परियोजनाओं से प्रभावित लोगों एवं ग्राम पंचायतों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई ।
उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में इस समय 23 जल विधुत परियोजनाएं क्रियाशील है तथा इसके अतिरिक्त अन्य कुछ परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है।  उन्होंने जिला में क्रियाशील जल विद्युत परियोजनाओं से स्थानीय लोगों की मांग अनुरूप कार्य करने का आग्रह किया ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अनुपम कश्यप ने सभी परियोजनाओं से स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण (लाडा) के अंतर्गत जमा होने वाली राशि का जायजा लिया।  उन्होंने कहा कि जल विधुत परियोजना की कुल लागत का डेढ़ प्रतिशत हिस्सा लाडा को उपलब्ध करवाना पड़ता है ताकि प्रभावित क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जा सके।  उन्होंने कहा कि अधिकतर जल विधुत परियोजनाओं से लाडा के अंतर्गत जमा होने वाली कुछ राशि सरकार को जामा नहीं की गयी है उपायुक्त ने इस पैसे को जल्द से जल्द जमा करने का आग्रह किया ताकि क्षेत्र के विकास में उसका प्रयोग किया जा सके।  उन्होंने कहा कि बहुत सी परियोजनाओं ने लाडा के पैसों को सम्बंधित उपमण्डलाधिकारिओं को जामा किया हुआ है उन्होंने सभी उपमण्डलाधिकारिओं को इस पैसे को जिला कार्यालय में जमा करने को कहा।  इसके अतिरिक्त लाडा  का पैसा किसी अन्य कार्य के प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। लाडा का पैसा नियमों के अंतर्गत सरकार को ही जमा करना होगा।
उपायुक्त ने कहा कि इसके अतिरिक्त जल विधुत परियोजनाओं द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में 10 साल तक 100 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाने का भी प्रावधान है। यदि किसी भी परियोजना द्वारा मुफ्त बिजली लोगों को नहीं दी जा रही है तो लोगों को मुफ्त बिजली उपलब्ध की जाये।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में गैर कार्यात्मक परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिए सम्बंधित उपमंडलाधिकारी एवं परियोजना के अधिकारी आपस में बैठक कर उस से जुड़े विषयों को सुलझा ले अन्यथा परियोजना से सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर निदेशक को भेजना सुनिश्चित करे ताकि उस विषय में आगामी कार्यवाही अमल में लायी जा सके।
अनुपम कश्यप ने कहा कि परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान ब्लास्टिंग/विस्फोट के लिए उचित एनओसी एवं अनुमति होना आवश्यक है अन्यथा इस विषय में पेनल्टी का भी प्रावधान किया गया है।  उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मिट्टी की डंपिंग सिर्फ डंपिंग साइट पर ही करे क्यूंकि यह एक पर्यावरण से जुड़ा हुआ विषय है।
उपयुक्त ने कहा कि सभी परियोजना अधिकारी प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधि एवं स्टेकहोल्डर का व्हाट्सप्प ग्रुप तैयार करे ताकि आपातकालीन स्थिति में गाँव  के लोगों को सूचित किया जा सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) अजित भारद्वाज, उपमंडलाधिकारी रोहड़ू विजय वर्धन, उपमंडलाधिकारी रामपुर निशांत तोमर, उपमंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, उपमंडलाधिकारी  कुमारसैन कृष्ण कुमार शर्मा, उप मण्डलाधिकारी चौपाल हेम चंद वर्मा सहित जिला की विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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