पंजाबी लोक नृत्य के साथ चंडीगढ़ कला एवं संगीत उत्सव का समापन

कला संस्कृति के आदान-प्रदान एवं साहित्य एवं भाषा के उत्थान के लिए सरकार एवं विभाग हमेशा तत्पर: जिला भाषा अधिकारी, सुनीला ठाकुर

कल्लू के अटल सदन के अंतरंग सभागार में चल रहे  चार दिवसीय  कार्यक्रम के चौथे एवं अंतिम  दिन आज  म्यूजिक एवं नृत्य अकादमी  के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पंजाबी लोक नृत्य के साथ ही इस आयोजन का समापन हुआ।   

विभिन्न पंजाबी लोकनृत्य विधाओं का दर्शकों  ने खूब आनंद लिया। अकादमी के कलाकारों द्वारा अरदास के साथ कार्यक्रम  का  शुभारंभ किया गया,  तत्पश्चात पंजाबी लुडी पंजाबी गिद्दा तथा जिंदूआ के साथ-साथ पंजाबी  भांगड़े के नृत्यकी प्रस्तुतियां दी। 

जिला भाषा अधिकारी  सुनीला ठाकुर  ने कहा कि चार दिवसीय चंडीगढ़ संगीत एवं नृत्य उत्सव में  सूफी गायन, पंजाबी लोक गायन, कत्थक नृत्य  का आयोजन किया गया। तथा आज पंजाबी लोक नृत्य के साथ ही इस आयोजन का समापन हुआ है।  

उन्होंने कहा कि कला संस्कृति के आदान-प्रदान एवं साहित्य एवं भाषा के उत्थान के लिए  हिमाचल सरकार एवं भाषा एवं संस्कृति  विभाग हमेशा तत्पर है तथा समय-समय पर विभिन्न तरह के आयोजन,करती रहते  है तथा  लोक संस्कृति तथा लोक कलाकारों को आगे लाने के लिए हमेशा प्रयत्न करती है। 

कार्यक्रम में चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी  के उपाध्यक्ष विक्रांत सेठ, सेक्टर 42 चंडीगढ़ में  नृत्य के सहायक आचार्य डा अमित गंगानी,  सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी  जय प्रकाश शर्मा  भी उपस्थित थे।

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