चपीटीडीसी होटलों के बंद होने पर कांग्रेस का हमला: भाजपा सरकार की फिजूलखर्ची को ठहराया जिम्मेदार

Read Time:5 Minute, 6 Second

हाल ही में न्यायालय द्वारा राज्य में 18 एचपीटीडीसी होटलों को बंद करने के कारणों का हवाला देते हुए उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और विधायक अजय सोलंकी ने यहां जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा कि यह निर्णय भाजपा सरकार के फिजूलखर्ची का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हालांकि वर्तमान सरकार संपत्ति के रखरखाव के लिए आवश्यक अल्प कर्मचारी ही परिसर में रखे जाएंगे और अतिरिक्त कर्मचारियों को राज्य के अन्य पर्यटन होटलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जहां तक 40 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी वाले होटलों का सवाल है तो लाभ और हानि का आंकलन केवल ऑक्यूपेंसी के आधार पर नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें कई अन्य कारक भी शामिल हैं। जिनमें रेस्तरां से आय, विवाह और अन्य समारोहों के लिए एचपीटीडीसी इकाइयों की ऑनलाइन अग्रिम बुकिंग आदि शामिल है।
उन्होंने पिछली भाजपा सरकार पर पर्यटन निगम की संपत्तियों के रख-रखाव में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पर्यटन होटलों का जमकर दुरुपयोग किया और उनके कार्यकाल के दौरान ही कर्ज बढ़ता गया, जिससे एचपीटीडीसी घाटे में चला गया तथा भाजपा सरकार ने पर्यटन होटलों के छोटे-मोटे जीर्णोद्धार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि उनके कार्यकाल के दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके बकाए का भुगतान भी नहीं किया गया। जिसके कारण सैकड़ों सेवानिवत कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान एचपीटीडीसी को वर्ष 2019-20 में 4900.68 लाख रुपये का घाटा हुआ, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 4996.53 रुपये तथा वर्ष 2020-21 में यह बढ़कर 5198 लाख रुपये हो गया। उन्होंने भाजपा को याद दिलाया कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से एचपीटीडीसी को घाटे से उभारने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 की तुलना में पर्यटन से होने वाले राजस्व में खानपान सहित अन्य गतिविधियों से आय में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की फिजूलखर्ची और निगम के करोड़ों रूपये के बिलों का भुगतान नहीं हो पाने के कारण निगम को घाटा उठाना पडा है जिसके कारण होटल चलाना और कर्मचारियों को उनका वेतन देना भी मुश्किल हो गया था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल को पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है और कांगड़ा जिला को प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में चल रहे एचपीटीडीसी के होटलों का बंद किये जाने की सूची में शामिल होना दुर्भाग्य पूर्ण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढावा देने के लिए राज्य सरकार ने पौंग और गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियां, देहरा के बनखंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर बनाने की प्रक्रिया तथा राज्य के जलाशयों में पर्यटकों के लिए शिकारा सुविधा शुरू की है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य धीरे-धीरे वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ रहा है तथा वर्तमान सरकार ने राज्य में उपलब्ध संसाधनों से 23 महीनों के भीतर लगभग 2600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।
उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे अब राज्य की संपत्तियों की रक्षा के लिए एकजुट हों और मुद्दे को भड़काने के स्थान पर राज्य के हित की बात करें।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post कृषि विभाग की योजनाओं से लाभान्वित किसानों के खेतों में पहुंचे उपायुक्त चंबा
Next post    तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी मंडी जिला के प्रवास पर
error: Content is protected !!