ऊना में टीबी उन्मूलन के लिए 7 दिसंबर से 100 दिन का विशेष अभियान, जनभागीदारी पर रहेगा जोर
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ऊना, 30 नवंबर. उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि ऊना जिले में 7 दिसंबर 2024 से टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन के लिए 100 दिन का व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य टीबी की पहचान, निदान और उपचार को सुनिश्चित करना तथा समुदाय में जागरूकता फैलाना है। उन्होंने शनिवार को सीएमओ सभागार में आयोजित जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक के उपरांत यह जानकारी दी।
उपायुक्त ने बताया कि अभियान में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों की पहचान की जाएगी। लक्षण पाए जाने पर तुरंत जांच एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), औद्योगिक प्रतिष्ठानों, और सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया है।
जतिन लाल ने बताया कि जनभागीदारी अभियान के तहत टीबी के लक्षणों और प्रारंभिक निदान के महत्व के बारे में जागरूकता लाने और टीबी से जुड़ी जानकारी समुदाय तक पहुंचाने और इससे संबंधित भ्रांतियां दूर करने पर बल दिया जाएगा। इसके साथ ही टीबी पर खुलकर चर्चा को सामान्य बनाने और भेदभाव खत्म करने तथा कमजोर और जोखिमग्रस्त समुदायों को टीबी स्क्रीनिंग और समय पर इलाज के लिए प्रेरित करने का काम किया जाएगा। इसमें मरीजों के लिए इलाज और पोषण सुनिश्चित बनाने और टीबी की रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए लोगों को खांसी के शिष्टाचार, पोषण, वेंटिलेशन, निवारक इलाज और स्वस्थ आदतों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि इसके लिए जिलेभर में निक्षय शिविरों समेत जनजागरूकता के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने जिला वासियों से स्वयं आगे आकर टीबी जांच कराने का अनुरोध किया ताकि समय पर बीमारी का निदान और उपचार किया जा सके।
उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग को जमीनी स्तर पर जन जागरूकता के लिए समर्पित प्रयास करने को कहा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. वर्मा, टीबी निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल ठाकुर और अन्य संबंधित अधिकारी तथा समिति सदस्य उपस्थित रहे।
जतिन लाल ने बताया कि जनभागीदारी अभियान के तहत टीबी के लक्षणों और प्रारंभिक निदान के महत्व के बारे में जागरूकता लाने और टीबी से जुड़ी जानकारी समुदाय तक पहुंचाने और इससे संबंधित भ्रांतियां दूर करने पर बल दिया जाएगा। इसके साथ ही टीबी पर खुलकर चर्चा को सामान्य बनाने और भेदभाव खत्म करने तथा कमजोर और जोखिमग्रस्त समुदायों को टीबी स्क्रीनिंग और समय पर इलाज के लिए प्रेरित करने का काम किया जाएगा। इसमें मरीजों के लिए इलाज और पोषण सुनिश्चित बनाने और टीबी की रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए लोगों को खांसी के शिष्टाचार, पोषण, वेंटिलेशन, निवारक इलाज और स्वस्थ आदतों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि इसके लिए जिलेभर में निक्षय शिविरों समेत जनजागरूकता के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने जिला वासियों से स्वयं आगे आकर टीबी जांच कराने का अनुरोध किया ताकि समय पर बीमारी का निदान और उपचार किया जा सके।
उन्होंने इस अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग को जमीनी स्तर पर जन जागरूकता के लिए समर्पित प्रयास करने को कहा।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. वर्मा, टीबी निवारण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल ठाकुर और अन्य संबंधित अधिकारी तथा समिति सदस्य उपस्थित रहे।
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