वर्ष 2024 में जिला में नशे के खिलाफ बिलासपुर पुलिस की मुहिम: विस्तृत विवरण

बिलासपुर जिला पुलिस, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल के नेतृत्व में, वर्ष 2024 में नशे के खिलाफ चलाए गए अभियानों में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करने में सक्षम रही है। पुलिस ने इस वर्ष कई अहम कार्रवाई की है और नशा माफिया पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया है।

अवैध शराब की रिकॉर्ड बरामदगी

बिलासपुर पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए विभिन्न प्रकार की शराब की रिकॉर्ड मात्रा बरामद की है, जो इस वर्ष के अभियानों की सफलता को दर्शाती है:

अंग्रेजी शराब:

12,35,125 मिली लीटर (पिछले वर्ष: 7,91,125 मिली लीटर)

अंग्रेजी शराब की बरामदगी में 56% की वृद्धि हुई है।

देसी शराब:

86,14,070 मिली लीटर (पिछले वर्ष: 33,37,040 मिली लीटर)

देसी शराब की बरामदगी में 158% की वृद्धि हुई है।

कच्ची शराब:

3,50,950 मिली लीटर (पिछले वर्ष: 5,66,500 मिली लीटर)

कच्ची शराब की बरामदगी में 38% की गिरावट आई है, जो पुलिस की सख्त निगरानी को दर्शाता है।

बीयर:

18,000 मिली लीटर (पिछले वर्ष: 2,96,400 मिली लीटर)

बीयर की बरामदगी में भारी गिरावट आई है, जिससे पुलिस की सफलता स्पष्ट होती है।


एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले

इस वर्ष पुलिस ने 196 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए, जो पिछले वर्ष के 208 मामलों से कम हैं। यह दर्शाता है कि पुलिस की रणनीतियों ने नशा तस्करों पर प्रभावी अंकुश लगाया है और अपराधों में कमी आई है।


मादक पदार्थों की बरामदगी (किलोग्राम में)

मादक पदार्थों की बरामदगी में भी इस वर्ष कई महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं, जो पुलिस की सख्त कार्रवाई को उजागर करते हैं:

चरस की बरामदगी में 14% की कमी आई है, जबकि अफीम की बरामदगी में 304% का इजाफा हुआ है।

चूरा पोस्त की बरामदगी में 43% की कमी आई है, जबकि चिट्टा और गांजा की बरामदगी में भी हल्की कमी देखी गई है।


विशेष बरामदगी और कार्रवाई

अफीम के पौधे:
इस वर्ष पुलिस ने 661 अफीम के पौधे बरामद कर उन्हें नष्ट कर दिया। यह अफीम की खेती पर नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नगद राशि की बरामदगी:
नशा तस्करों से ₹5,26,000 की अवैध राशि जब्त की गई, जो नशे के व्यापार में शामिल अपराधियों की वित्तीय गतिविधियों को रोकने का एक अहम कदम था।

विशेष डिटेक्शन टीम:
नशा तस्करी पर नियंत्रण के लिए जिला पुलिस ने विशेष डिटेक्शन टीम का गठन किया, जिसने तस्करों के नेटवर्क को प्रभावी तरीके से ध्वस्त किया।

पुलिस की रणनीतियां और प्रयास

बिलासपुर पुलिस ने इस वर्ष अपनी कार्यप्रणाली को और मजबूत किया और नशा तस्करों के खिलाफ रणनीतिक तरीके अपनाए:

  1. वाहनों की सघन जांच:

जिले के विभिन्न स्थानों पर नियमित नाके लगाकर वाहनों की सख्त जांच की गई। यह उपाय संदिग्ध गतिविधियों और नशा तस्करी में शामिल वाहनों को पकड़ने में सफल रहा।

  1. सुनियोजित छापेमारी:

नशा तस्करों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिससे तस्करों के अवैध कारोबार में बाधा डाली गई।

  1. सामाजिक भागीदारी:

नशा मुक्त बिलासपुर बनाने के लिए स्थानीय समुदायों से सहयोग लिया गया। पुलिस ने जनता को जागरूक किया और नशा तस्करी के खिलाफ सहयोग की अपील की।

भविष्य की योजना

पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने कहा कि नशे के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा और नशा तस्करी पर पूर्ण नियंत्रण पाने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, समाज के विभिन्न हिस्सों को इस लड़ाई में शामिल किया जाएगा।

पुलिस की यह प्रतिबद्धता और सख्त कार्यवाही बिलासपुर को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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