मंडी की अंडर-14 लड़कों की क्रिकेट टीम ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित अपने पहले अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट को जीतकर अपने जिले का नाम रोशन किया। यह टूर्नामेंट 24 दिसंबर से शुरू हुआ, जिसमें 12 टीमों ने भाग लिया। इन टीमों को तीन पूलों में बांटा गया था। प्रत्येक पूल से शीर्ष दो टीमों ने क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई किया, और 7वें और 8वें स्थान की टीमों को भी क्वालीफिकेशन के लिए चुना गया।
लीग मैचों में मंडी की शुरुआत काफी खराब रही, और वे बाहर होने की कगार पर थे। हालांकि, टीम ने हिम्मत नहीं हारी और 7वें स्थान पर रहते हुए क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया, जहां उनका मुकाबला सोलन से हुआ। एक करीबी मैच में, मंडी ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत हासिल की और बिलासपुर के खिलाफ सेमीफाइनल में प्रवेश किया। वहां मंडी ने बिलासपुर को 96 रनों के बड़े अंतर से हराया और प्रतिष्ठित धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में ऊना के खिलाफ फाइनल मैच खेलने का मौका प्राप्त किया।
फाइनल मैच: जज्बे और दृढ़ता की कहानी
फाइनल में ऊना ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, यह सोचकर कि उनकी गेंदबाजी शुरुआती परिस्थितियों का फायदा उठाएगी। उनकी रणनीति काम करती दिखी, क्योंकि मंडी की टीम, जिसमें सात खिलाड़ी पहली बार टूर्नामेंट खेल रहे थे, शुरुआत में संघर्ष करती नजर आई। मंडी के सलामी बल्लेबाज अर्नव ठाकुर 0 पर आउट हो गए, जबकि दक्ष ठाकुर केवल 7 रन बना सके। ऊना के स्टार गेंदबाज नमिश कालिया ने मंडी के शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया, और मंडी का स्कोर 30 पर 5 विकेट हो गया।
इस नाजुक समय में, वैद्युष्या और रजत ठाकुर ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन रजत समीर सिंह चौहान की गेंद पर कैच आउट हो गए, और मंडी का स्कोर 56 पर 6 हो गया। कप्तान आदिश मिन्हास 7वें नंबर पर खेलने आए और वैद्युष्या के साथ मिलकर एक शानदार साझेदारी की। दोनों ने स्कोर को 198 तक पहुंचाया, लेकिन वैद्युष्या को आक्षित राणा ने तेजस शर्मा की गेंद पर कैच आउट कर दिया। पहले दिन के अंत में आदिश 49 रन पर नाबाद रहे, और दूसरे दिन बारिश के कारण खेल बाधित हो गया।
दूसरे दिन, देरी से शुरू हुए खेल में आदिश ने अपना कप्तानी पारी पूरी की और नाबाद 53 रन बनाए, जिससे मंडी का स्कोर 212 पर पहुंच गया। ऊना के लिए नमिश कालिया ने 3 विकेट लिए, जबकि समीर सिंह चौहान ने 2 विकेट चटकाए। ऊना की फील्डिंग भी शानदार रही, जिसमें मंडी के दक्ष और शुभम रनआउट हुए।
निर्णायक मोड़: मंडी की गेंदबाजी का जलवा
ऊना की बल्लेबाजी के दौरान कप्तान आदिश मिन्हास ने शुरुआत में ही दोनों सलामी बल्लेबाजों को क्रमशः 13 और 10 के स्कोर पर आउट कर दिया। दूसरे दिन के अंत तक ऊना 36 पर 3 विकेट खो चुका था। फाइनल दिन, अनिरुद्ध शर्मा और समीर सिंह चौहान ने ऊना की पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन आदिश और उनकी टीम ने खेल का रुख पलट दिया। अनिरुद्ध 30 रन पर आदिश की गेंद पर अर्नव ठाकुर के हाथों कैच आउट हुए, जबकि समीर 39 रन पर तनीष्क की गेंद पर आउट हो गए। आदिश ने आक्षित राणा का एक शानदार कैच लेकर उन्हें शून्य पर पवेलियन भेज दिया, और ऊना की पूरी टीम 155 रन पर आउट हो गई। मंडी को पहली पारी में 57 रनों की बढ़त मिली।
मंडी की ऐतिहासिक जीत
दूसरी पारी में मंडी ने संभलकर शुरुआत की। अर्नव ठाकुर शून्य पर आउट हो गए, जबकि यश वर्मा ने 16 रन बनाए। तीसरे और अंतिम दिन के अंत में मंडी का स्कोर 46 पर 2 था, और पहली पारी की बढ़त के आधार पर मंडी को विजेता घोषित किया गया। यह मंडी क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक जीत थी।
कप्तान आदिश मिन्हास को उनकी नाबाद 53 रनों की पारी, 3 विकेट, 1 कैच और 1 रनआउट के लिए “मैन ऑफ द मैच” घोषित किया गया। अर्नव ठाकुर को उनकी शानदार प्रदर्शन के लिए “मैन ऑफ द सीरीज” चुना गया।
टीम कोच मनीष गुप्ता ने टीम के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा, “ज्यादातर खिलाड़ी नए थे और उन्होंने पहले कभी टूर्नामेंट नहीं खेला था, लेकिन उन्होंने शानदार प्रयास और टीमवर्क दिखाया और इस ऐतिहासिक जीत को हासिल किया।” मंडी क्रिकेट संघ के कोच श्री राजीव जम्वाल ने टीम और कोच को ट्रॉफी घर लाने पर बधाई दी। मंडी क्रिकेट संघ के अध्यक्ष श्री अजय राणा ने भी टीम और कोच को शुभकामनाएं दीं और इन उभरते हुए क्रिकेट सितारों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी क्रिकेट संघ गांवों के जमीनी स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। जिले में कई सबसेंटर काम कर रहे हैं, और भविष्य में और अधिक खोले जाएंगे।
मंडी की अंडर-14 क्रिकेट टीम की यह यात्रा, जिसमें उन्होंने क्वालीफाई करने के संघर्ष से लेकर ट्रॉफी जीतने तक का सफर तय किया, दृढ़ता और टीमवर्क की प्रेरणादायक कहानी है।