केंद्रीय बजट 2025-26 : जहाजरानी और उड्डयन क्षेत्र को प्रोत्साहन

समुद्री उद्योग को दीर्घकालिक वित्त पोषण के लिए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने 25000 करोड़ रूपए के समुद्री विकास कोष को स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। आज संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह निधि समुद्री उद्योग में वितरित सहायता और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए होगी। इसमें सरकार द्वारा 49 प्रतिशत तक अंशदान किया जाएगा और शेष राशि पत्तनों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि लागत संबंधी हानि से निपटने के लिए पोत-निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा जिसमें चक्राकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय यार्ड में शिपब्रेकिंग के लिए क्रेडिट नोट भी शामिल होंगे। अवसंरचनासुसंगत मास्टर लिस्ट (एचएमएल) में निर्दिष्ट आकार से अधिक बड़े जलपोतों को शामिल किया जाएगा। जलपोतों की रेंज, श्रेणियों और क्षमता को बढ़ाने के लिए शिपबिल्डिंग क्लस्टरों को सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें संपूर्ण इको-सिस्टम का विकास करने के लिए अतिरिक्त अवसंरचना सुविधाएं, कौशल और प्रौद्योगिकी भी शामिल होंगी। जहाज निर्माण के लिए लंबी अवधि पर ध्यान देते हुए वित्त मंत्री ने कच्चे माल, घटकों, जहाजों के विनिर्माण के लिए कंजुमेबल्स या कल पुर्जों पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट को और 10 वर्षों तक जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने शिपब्रेकिंग को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए भी इसी तरह की सुविधा देने का प्रस्ताव किया है।

क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़ान की सराहना करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा कि उड़ान स्कीम ने 1.5 करोड़ मध्यवर्गीय लोगों को तीव्र यात्रा करने की उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ बनाया है। इस स्कीम ने 88 हवाई अड्डों को जोड़ा है और 619 रूटों को क्रियाशील बनाया है। इस सफलता से प्रेरित होकर, एक संशोधित उड़ान स्कीम शुरू की जाएगी ताकि अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके और 4 करोड़ यात्रियों को ऐसी परिवहन सुविधा दी जा सके। यह योजना पर्वतीय, आकांक्षी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाईअड्डों को भी सहायता प्रदान करेगी। वित्तमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि सरकार उच्च कीमत के जल्दी नष्ट होने वाले बागानी उत्पादों सहित एयर कार्गों के लिए बुनियादी ढांचे और वेयरहाउसिंग के उन्नयन को भी सुगम बनाएगी।

बिहार में ढांचागत प्रोत्साहन के लिए वित्तमंत्री ने प्रस्ताव किया है कि राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्टों की सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि वहां भावी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। ये पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार के अलावा होंगे। पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।

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