हिमाचल सरकार की पहल- विधवा, तलाकशुदा और दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को मिल रही सहायता चंबा ज़िला में योजना का हो रहा है प्रभावी क्रियान्वयन 1043 आवेदन स्वीकृत 700 के करीब मामलों में विभागीय प्रक्रिया जारी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सामाजिक सेवा क्षेत्र को दिए जा रहे विशेष अधिमान से समस्त वर्गों का कल्याण सुनिश्चित बनाया जा रहा है । प्रदेश सरकार द्वारा विधवाओं, तलाकशुदा, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की सुविधाएं सुनिश्चित बनाने को लेकर कार्यान्वित की जा रही महत्वकांक्षी ‘इंदिरा गाँधी सुख शिक्षा योजना’ ने ऐसे परिवारों को सम्मानपूर्वक जीवन के साथ उनके बच्चों को उन्नति एवं तरक्की का एक बेहतरीन अवसर उपलब्ध करवाया है, जो अपने आर्थिक संसाधनों में कमी के चलते शिक्षा-स्वास्थ्य-पोषण के लिए अन्य पारिवारिक सदस्यों के मोहताज थे। ‘इंदिरा गाँधी सुख शिक्षा योजना’ योजना के लाभ योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता के रूप में 18 वर्ष से कम आयु के पात्र बच्चों को प्रति माह एक हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। 18 से 27 वर्ष आयु तक के विद्यार्थियों को हिमाचल प्रदेश के किसी भी राजकीय संस्थान में डिग्री- डिप्लोमा या विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है । साथ में हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलने वाले विद्यार्थियों को पीजी शुल्क के रूप में तीन हजार की राशि प्रतिमाह उपलब्ध करवाने का भी विशेष प्रावधान है । योजना की पात्रता एवं मापदंड . आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी तथा वार्षिक आय एक लाख से कम होनी चाहिए। आवश्यक दस्तावेजों में पिता का मृत्य प्रमाणपत्र, अभिभावक का विकलांगता प्रमाणपत्र, तलाक प्रमाणपत्र, हिमाचली प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, आयु प्रमाणपत्र, परिवार नकल इत्यादि । योजना से लाभ लेने के लिए सम्पर्क अधिकारी पात्र आवेदक योजना से लाभ लेने के लिए आंगनबाडी कार्यकर्त्ता, सुपरवाइजर, बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास के कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है । ज़िला चम्बा में योजना का हो रहा है प्रभावी कार्यान्वयन ज़िला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास कमल किशोर शर्मा बताते हैं कि चम्बा ज़िला में ‘इंदिरा गाँधी सुख शिक्षा योजना’ योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित बानाया जा रहा है। योजना के तहत 1043 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। साथ में 700 के करीब मामले विभागीय प्रक्रिया में हैं।