‘जनसंख्या असंतुलन के गंभीर परिणाम हम भुगत चुके हैं, आज भी बन रहे नए देश’, नागपुर में बोले भागवत

Read Time:6 Minute, 59 Second

विजयादशमी उत्सव Live: ‘जनसंख्या असंतुलन के गंभीर परिणाम हम भुगत चुके हैं, आज भी बन रहे नए देश’, नागपुर में बोले भागवत। आर एसएस के प्रमुख मोहन भागवत विजयादशमी उत्सव के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं. दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शस्त्र पूजन की परंपरा है.इस परंपरा को आज नागपुर में निभाया जा रहा है. मोहन भागवत ने संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजन में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में आज पर्वतारोही और हिमालय की चोटी पर पहुंचने वाली पद्मश्री संतोष यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद हैं.

विजयादशमी उत्सव के मौके पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शक्ति ही शुभ और शांति का आधार है. मोहन भागवत ने नारियों की स्थिति पर अपने संबोधन में कहा कि हम उन्हें जगतजननी मानते हैं, लेकिन उन्हें पूजाघर में बंद कर देते हैं ये ठीक नहीं है. मातृशक्ति के जागरण का कार्यक्रम अपने परिवार से प्रारंभ करना होगा, फैसला लेने में महिलाओं को भी साबित करना होगा.

मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. हमने लंका को उसके आर्थिक संकट में मदद की. यूक्रेन में अमेरिका और रूस की लड़ाई में हमने अपने हित को सबसे आगे रखा. मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में हम लगातार सफल होते जा रहे हैं और स्वावलंबी होते जा रहे हैं. इस नवोत्थान की आहट सुनकर हम भी प्रसन्न हो रहे हैं.

RSS चीफ मोहन भागवत ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में स्वार्थ और द्वेष के आधार पर दूरियां और दुश्मनी बनाने का काम स्वतन्त्र भारत में भी चल रहा है. उनके बहकावे में न फंसते हुए,उनकी भाषा, पंथ, प्रांत, नीति कोई भी हो, उनके प्रति निर्मोही होकर निर्भयतापूर्वक उनका निषेध करना चाहिए.

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि प्रगति के लिए जीवन में लचीलापन जरूरी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय निर्माण के लिए बाधाओं से पार पाना जरूरी है. इसमें एक बाधा रुढ़िवादिता है. हमें नई परंपरा जो कि आधुनिक समय और राष्ट्र की जरूरतों से मेल खाती है उसे बनाने की जरूरत है. साथ ही हमें सनातन मूल्यों के प्रति भी जागरूक रहने की जरूरत है.

मोहन भागवत ने नौकरी और जनसंख्या को लेकर बड़ी बातें कहीं. रोजगार पर संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर 10 से 20 फीसदी युवाओं को रोजगार दे सकती है. इसके बाद हमें स्वयं कोशिश करनी पड़ेगी. इस दिशा में स्टार्टअप जैसे नवोन्मेष ठीक पहल हैं.

आबादी के मुद्दे पर संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या बोझ है, लेकिन ये साधन भी बन सकता है. जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नए देश बन गये.

बता दें कि 1925 में दशहरे के दिन ही नागपुर में संघ की स्थापना हुई थी. डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. इस दिन देश भर में संघ पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन करता है. संघ के 97 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई हैं. इससे पहले पुरुष ही इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते आए हैं. लेकिन संघ ने इस बार इस परिपाटी को बदल दिया है. मोहन भागवत के साथ संतोष यादव भी शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल रहीं.

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद हैं. नागपुर में आरएसएस के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव के मौके पर पथसंचलन किया. डॉ हेडगेवार स्मृति मंदिर रेशमीबाग से यह पथसंचलन शुरु हुआ और शहर के अन्य मार्ग से होता हुआ वापस रेशमीबाग पहुंचा.

संघ के कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचीं संतोष यादव ने कहा कि उनके हाव-भाव को देखकर लोग पूछते थे कि क्या तुम संघी हो? इसका जवाब देते हुए मैं उन्हें कहती थी कि वो क्या होता है. आज किस्मत मुझे सर्वोच्च मंच पर लेकर आई है. पर्वतारोही संतोष यादव ने कहा कि एक बार जेएनयू में वह पर्यावरण पर कुछ बोल रही थीं. तभी एक छात्रा ने उनसे कहा कि हमें रामचरितमानस या गीता पढ़ने के लिए क्यों कहा जाता है. मैंने उन्हें कहा कि ऐसा तो मैंने नहीं कहा है. फिर मैंने उन्हें कहा कि आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? तो उन्होंने कहा कि नहीं. फिर मैंने उन्हें कहा कि बिना पढ़े आप इन पुस्तकों को लेकर द्वेष क्यों पाल रही हैं. आप इसे पढ़िए. सनातन संस्कृति सृजन की प्रेरणा देता है.

http://dhunt.in/CMyp2?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “आज तक”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post IND vs SA: रोहित का एक फैसला… पुरानी परेशानी पड़ी भारी, जानिए भारत की हार की बड़ी वजहें
Next post Adipurush Controversy: क्या रावण, अल्लाउद्दीन खिलजी लग सकता है? मेकर्स पर भड़के मुकेश खन्ना, दी ये चेतावनी
error: Content is protected !!