2021-22 में राष्ट्रीय पार्टियों की आय के आंकड़े आए सामने, जानिए BJP, कांग्रेस और TMC की कितनी हुई कमाई।साल 2021-22 में देश की आठ राष्ट्रीय पार्टियों की कमाई कितनी हुई इसका आंकड़ा सामने आया है। कमाई के मामले में सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है।
भगवा पार्टी को 2021-22 में 1917 करोड़ रुपए से ज्यादा मिले हैं। यह 2020-21 में मिली रकम से 154 प्रतिशत अधिक है। जबकि 2020-21 में पार्टी को 752 करोड़ रुपए मिले थे। कमाई के मामले में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2021-22 में अपनी आय 545.7 करोड़ रुपए बताई है। तीसरे स्थान पर कांग्रेस है। कांग्रेस को 2021-22 में 541.2 करोड़ रुपए मिले हैं। यह पिछले साल मिले 285.7 करोड़ से 89 फीसदी ज्यादा है।
ईसी की वेबसाइट पर ऑडिट रिपोर्ट आई
सभी आठ राष्ट्रीय दलों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक सभी राष्ट्रीय दलों को मिले कुल 3289 करोड़ रुपए में अकेले भाजपा की हिस्सेदारी 58 प्रतिशत है। आय के मामले में टीएमसी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा है। उसकी आया 633 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। साल 2020-21 में टीएमसी की आय मात्र 74.4 करोड़ रुपए थी। पार्टियों को हुई कुल आय में कांग्रेस और टीएमसी की हिस्सेदारी 16.5 प्रतिशत है।
इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा हुई कमाई
भाजपा को मिली रकम में से करीब 54 प्रतिशत आय इलेक्टोरल बॉन्ड से आई है। जबकि टीएमसी को इलेक्टोरल बॉन्ड से (96%) 528 करोड़ रुपए मिले। कांग्रेस को इस बॉन्ड से कितनी रकम हासिल हुई, पार्टी ने अलग से इसके बारे में नहीं बताया है। साल 2020-21 में कांग्रेस ने बताया था कि उसे इलेक्टोरल बॉन्ड से 10 करोड़ रुपए मिले। वहीं, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बताया है कि 2021-22 में उसे इलेक्टोरल बॉन्ड से 14 करोड़ रुपए मिले।
भाजपा ने 854.46 करोड़ रुपए खर्च किए
साल 2021-22 में सीपीएम की कुल कमाई 162.2 करोड़ रुपए हुई है। यह बीते साल से कम है। 2020-21 में सीपीएम को 171 करोड़ रुपए मिले थे। खर्च की अगर बात की जाए तो भाजपा ने बताया है कि उसने 2021-22 में 854.46 करोड़ रुपए खर्च किए। कांग्रेस ने 400 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च की बात कही है। टीएमसी का कहना है कि उसने 268.3 करोड़ रुपए खर्च किए। बहुजन समाज पार्टी ने 85.1 करोड़, माकपा ने 83.41 करोड़, भाकपा ने 1.2 करोड़, एनसीपी ने 32.2 करोड़ और एनपीपी ने 39 लाख रुपए खर्च किए।
Source : “TimesNowनवभारत”
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