Board Exam Preparation: बोर्ड एग्जाम में ये 6 गलतियां करने से बचें, आएंगे पूरे के पूरे नंबर ।विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर लाने हैं तो एक तय स्ट्रेटजी से पढ़ाई करनी चाहिए. यही नहीं परीक्षा हॉल में भी आपके प्रश्नपत्र हल करने का अंदाज काफी मददगार होता है. कुछ ऐसी कॉमन मिस्टेक्स हैं जो ज्यादातर स्टूडेंट्स करते हैं. अगर आप ये कुछ कॉमन गलतियां न करें तो बोर्ड परीक्षा में आप बेहतर रिजल्ट पा सकते हैं. आइए जानते हैं वो कौन सी गलतियां हैं जिनमें अभी से करेक्शन की जरूरत है.
मार्किंग स्कीम न समझना
अक्सर छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी करते वक्त सबसे बड़ी जो गलती करते हैं वो है मार्किंग स्कीम समझकर तैयारी न करना. जब आप तैयारी कर रहे होते हैं तभी आपको पता होना चाहिए कि किस तरह के प्रश्न कितने नंबर के क्राइटेरिया में पूछे जाते हैं. उसी के अनुरूप आपको तैयारी करनी चाहिए.
बदले सिलेबस को समझना
सीबीएसई बोर्ड हर साल सिलेबस में कुछ न कुछ बदलाव जरूर करता है. ऐसे में कई छात्र यह नहीं पता करते कि उनके सिलेबस में इस साल किस सेक्शन से किस तरह के सवाल आ सकते हैं. इसके लिए अगर वो सैम्पल पेपर्स से अभ्यास करें तो बहुत सी चीजें समझ आ जाएंगी.
पैनिक हो जाना
तैयारी के दौरान ही बहुत से छात्र कहते हैं कि वो पूरे साल जिन सवालों में उलझे हैं, अभी भी वो उन्हीं खास चेप्टर, टॉपिक या प्रश्नों को देखकर नर्वस हो जाते हैं. ये नर्वसनेस एक अलग तरह का पैनिक क्रिएट कर देता है. इससे उनकी दूसरे सवालों को हल करने की प्रदर्शन क्षमता भी प्रभावित होती है. इसलिए जरूरी है कि जो टॉपिक आपको नर्वस करते हैं, पहले या तो उन पर महारत हासिल कर लें, या उन्हें सबसे लास्ट में अटेंप्ट करें.
समय का ख्याल न रखना
यूं तो सभी छात्र टाइम टेबल बनाकर तैयारी करते हैं. लेकिन टाइम को अपने अनुरूप ढालना इसकी सबसे बड़ी कला है. आप जब घर पर भी तैयारी कर रहे हों तो आपको ये पता होना चाहिए कि आपको किस टॉपिक को कितना समय देना है. इसी तरह परीक्षा हॉल में भी प्रश्नपत्र हल करते समय इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. मसलन कुछ लोग लांग आंसर जैसे निबंध आदि में कुछ ज्यादा ही टाइम खर्च कर देते हैं.
रिविजन करने में चूक
रिविजन एक तरह की कला है. ऐसी कला जो एक तरह की स्ट्रेटजी से चलती है. कई यूपीएससी टॉपर्स अपनी स्ट्रेटजी में बताते हैं कि वो रिविजन के टॉपिक्स को बहुत शॉर्ट नोट्स बनाकर उन्हें दोहराते थे. इसके लिए वो कठिन विषयों का चुनाव करके उनके प्वाइंटर्स बनाकर तैयारी करते थे. घर में एक बोर्ड में उन शॉर्ट नोट्स को चिपकाकर बीच बीच में उन्हें देख लिया करते थे.
नंबर गेम को सही तरीके से समझना
कुछ टॉपिक ऐसे होते हैं जिनकी तैयारी आसान होती है, लेकिन उनमें नंबर बहुत ज्यादा नहीं आते. इसलिए छात्र अक्सर ये गलती करते हैं कि इन टॉपिक्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. वहीं आंसर राइटिंग के दौरान भी वो इन टॉपिक्स को बाद में हल करते हैं. जबकि नंबर के लिए उन टॉपिक्स को पहले हल करना चाहिए ताकि टाइम भी बचे और नंबर भी सिक्योर हो जाएं. विशेषज्ञ कहते हैं कि लास्ट मिनट तैयारी में सैंपल पेपर्स को हल करके अपना मूल्यांकन करते रहना चाहिए.
Source : “आज तक”
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