Oscar 2023: ऑस्कर की रेस से बाहर हुई’ऑल दैट ब्रीथ्स’, नहीं जीत पाई अवॉर्ड, जानें इस फिल्म की कहानी

Oscar 2023: ऑस्कर की रेस से बाहर हुई’ऑल दैट ब्रीथ्स’, नहीं जीत पाई अवॉर्ड, जानें इस फिल्म की कहानी। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म कैटेगरी में भारत के हाथों निराशा हाथ लगी है। शौनक सेन की ऑल दैड ब्रीथ्स ऑस्कर की रेस बाहर हो गई है। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म कैटेगरी में नैवेल्नी ने बाजी मार ली है।

इसी के साथ भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

शौनक सेन की ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ दिल्ली के दो भाइयों नदीम और सऊद के बारे में है, जो शहर की बिगड़ती हवा और बिगड़ते सामाजिक ताने-बाने के बीच माइग्रेंट ब्लैक काइट्स यानी काली चील को बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। यह दोनों भाई वह काम करते हैं, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। यह डॉक्यूमेंट्री 90 मिनट लंबी है, जो सच्ची कहानी पर आधारित है। इस डॉक्यूमेंट्री में मोहम्मद सऊद और नदीम शहजाद के जीवन को दर्शाया गया है। यह दोनों भाई दिल्ली के एक गांव वजीराबाद में पक्षियों, विशेष रूप से काली चीलों को बचाते हैं और उनका इलाज करते हैं।

लगभग 19 साल पहले नदीम शहजाद और मोहम्मद सऊद ने उत्तरी दिल्ली में अपने पुश्तैनी घर के पास चावड़ी बाजार की सड़कों पर एक काली चील को बचाया था। दोनों भाइयों ने 23000 से अधिक पक्षियों का इलाज किया, जिनमें ज्यादातर शिकारी पक्षी थे। इसके अलावा वजीराबाद में दोनों भाइयों ने पक्षियों के लिए एक बचाव केंद्र भी बनवाया। नदीम शहजाद और मोहम्मद सऊद के घर की छत पर लगभग 300 पक्षी हैं। दोनों भाइयों द्वारा पतंग से पक्षियों को बचाने की कहानी है यह डॉक्यूमेंट्री। इससे पहले कान्स फिल्म फेस्टिवल 2022 में शौनक सेन की ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के लिए 2022 ल’ऑइल डी’ओर (गोल्डन आई) अवॉर्ड जीता था। भारत ने लगातार दो बार इस कैटेगरी में अवॉर्ड जीता था। इस डॉक्यूमेंट्री को कान्स में शुरू से ही पसंद किया गया था।

बता दें की ऑस्कर 2023 में ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने जीत हासिल कर ली है। ये एक नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री है जो एक अकेले छोड़ दिए गए हाथी और उनकी देखभाल करने वालों के बीच अटूट बंधन की बात करती है। यह हॉलआउट, हाउ डू यू मेजरमेंट ए ईयर?, द मार्था मिशेल इफेक्ट और स्ट्रेंजर एट द गेट के साथ डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट कैटेगरी में कॉम्पीटीशन में थी। इसका निर्माण गुनीत मोंगा ने किया है।

By अमर उजाला

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