एक धोखा और छिन गया कोहिनूर. कहानी उस तवायफ की जिसने मुगल बादशाह को ‘कंगाल’ कर दिया

Read Time:4 Minute, 8 Second
दिल्ली के इतिहास में मुगलों के बारे में बहुत कुछ लिखा गया, लेकिन एक ऐसी तवायफ भी थी, जिसके कारण कोहिनूर भारत से दूर हो गया.
मुगलों के हाथों से कोहिनूर छिन गया. उस तवायफ का नाम था नूर बाई. जैसा नाम वैसी शक्ल. नूर अपनी बेपनाह खूबसूरती और अदाओं के कारण रईस और ताकतवर लोगों के बीच खास पहुंच रखती थी. यही वजह थी कि साल दर साल उसका रुतबा बढ़ता गया.पुरानी दिल्ली की हवेली में रहने वाली नूर के चर्चे मुगल बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह तक पहुंचे. शराब और शबाब में डूबा रहने वाला बादशाह भी नूर बाई का कद्रदान हो गया. धीरे-धीरे नूर बाई की पहुंच सीधे बादशाह तक होने लगी. यह वो दौर था जब मुगलों की ताकत, रुतबा और खजाना तेजी से घट रहा था. नादिर शाह इसका पूरा फायदा उठाने को तैयार था.नूर बाई का रुतबा बढ़ता गया

दिल्ली में जब नूर बाई की चर्चा शुरू होती थी तो आसानी से नहीं थमती थी. लोग उसकी खूबसूरती के कायल थे. मुगल बादशाह किस कदर उसका दीवाना था यह इस बात से समझा जा सकता है कि उसकी हवेली के बाहर मुगलों के हाथी खड़े रहते थे. बादशाह की तरफ से बेशकीमती तोहफे मिलते थे. जब वो हाथी पर बैठकर दिल्ली की सड़कों पर निकलती थी तो देखने वालों की भीड़ लग जाया करती थी.पता चलते ही नीयत बदल गई

समय के साथ नूर और मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ के बीच करीबी बढ़ती जा रही थी. इस बीच नूर को पता चला कि बादशाह अपनी पगड़ी में हीरा रखते हैं. यह सुनते ही नूर के मन में लालच पनपने लगा और उसकी नीयत बदल गई.1739 में ईरानी बादशाह नादिर शाह ने सल्तनत के 13वें बादशाह रंगीला से सिंहासन छीन लिया, लेकिन 56 दिन बाद ईरान वापसी लौटने का फैसला लिया. इस दौरान नादिर ने बादशाह के खजाने को लूटा. हर वो चीज अपने पास रख ली जो उसे पसंद आई. और अंत में ईरान निकलते वक्त हिन्दुस्तान की कमान वापस मोहम्मद शाह को सौंपने की बात कही.यूं मुगलों से छिन गयाकोहिनूर

दरबार में मजमा लग गया और यहां पर कुछ ऐसा हुआ जो सिर्फ कुछ ही लोग समझ पाए. नादिर शाह ने कमान वापस देने और शांति समझौते के नाम पर बादशाह को बुलाया. नादिर ने चालाकी दिखाई और रिवाज का हवाला देते हुए पगड़ी बदलने की बात कही. बादशाह के पास नादिर को न कहने का कोई विकल्प नहीं था क्योंकि उसे बड़ी आसानी से खोई हुई सत्ता वापस मिल रही थी. इसलिए उसने पगड़ी बदलने की बात पर मुंह बंद रखा.इस धोखे की पटकथा लिखी थी नूर बाई ने. कई इतिहासकारों का मानना है कि नूर बादशाह को पसंद नहीं करती थी. इसलिए उसने हीरे को ताकतवर नादिर को दिलाकर उसकी नजर में उसका करीबी बनने की कोशिश की. नूर बाई ने ही नादिर को बताया कि दुनिया का सबसे नायाब हीरा बादशाह की पगड़ी में है. इस तरह मुगल बादशाह के हाथ से कोहिनूर चला गया जो उसके लिए किसी बेशकीमती खजाने से कम नहीं था.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post IPL से पहले मुंबई इंडियंस को बड़ा झटका, रोहित शर्मा की जगह ये खिलाड़ी संभालेगा कमान !
Next post अंगदान: जीवित रहते हुए भी आप अपने इन चार ऑर्गन को कर सकते हैं दान, जानें क्या है प्रोसेस
error: Content is protected !!