शानन विद्युत परियोजना को हिमाचल को देने के मूड़ में नहीं पंजाब!।110 मेगावॉट क्षमता वाली शानन विद्युत परियोजना को पंजाब सरकार हिमाचल को देने के मूड़ में नजर नहीं आ रही है. मंडी जिला के जोगिंद्रनगर में स्थापित इस परियोजना का पंजाब के उर्जा एवं लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ने निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेता रविंद्र पाल भी मौजूद रहे. उन्होंने अधिकारियों की टीम के साथ पूरे शानन प्रोजेक्ट का दौरा किया और यहां चल रही खामियों के बारे में जाना. इसके साथ ही उन्होंने खामियों और अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दूर करने का भरोसा भी दिलाया.
मीडिया कर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में वो इस प्रोजेक्ट को हिमाचल सरकार को न देने का इशारा कर गए. उन्होंने कहा कि पंजाब पुर्नगठन के बाद 1966 में यह प्रोजेक्ट पंजाब के हिस्से में आया था और इससे हिमाचल व पंजाब को बिजली की सुविधा मिल रही है. पंजाब सरकार इस प्रोजेक्ट का संचालन और देखरेख कर रही है और आगे भी इसे अच्छी तरह से चलाएगी.
कुछ दिन पहले इसी प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की चंडीगढ़ में पंजाब के सीएम भगवंत मान के घर पर मुलाकात भी हुई थी. हालांकि, उसके बाद भी मीडिया में इसे लेकर गोलमोल ही जबाव दिया गया था. नियम के तहत यह प्रोजेक्ट अगले वर्ष हिमाचल सरकार के अधीन होना है.
क्या कहता है 1966 में हुआ समझौता
वर्ष 1966 में पंजाब का पुर्नगठन हुआ था, जिसमें पंजाब के कुछ हिस्से हिमाचल में शामिल किए गए थे. वर्ष 1925 में जब शानन विद्युत प्रोजेक्ट अंग्रेजी हूकुमत ने बनवाया था तो उस वक्त यह हिस्सा पंजाब के अधीन आता था, इसलिए 1966 में पंजाब के पुर्नगठन के दौरान यह समझौता हुआ था कि शानन प्रोजेक्ट का 99 वर्षों तक पंजाब संचालन करेगा और उसके बाद यह हिमाचल के अधीन हो जाएगा. अगले साल यानी 2024 में इस एग्रीमेंट के 99 वर्ष पूरे हो रहे हैं. ऐसे में अब पंजाब को यह प्रोजेक्ट हिमाचल के हवाले करना है.
By News18
Average Rating