Shimla News: हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक: एनपीएस फंड में मई से पैसा जमा नहीं कराएगी सरकार

: हिमाचल सरकार ने निर्णय लिया है कि मई से राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों के 136 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को नहीं दिए जाएंगे।

प्रदेश के कर्मचारियों का यह पैसा पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) में निवेश होता था, जिसे सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है।

 

शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय के शिखर सम्मेलन हाल में वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने पीएफआरडीए को जाने वाली राशि पर रोक लगा दी है।

 

अलग-अलग विषयों में प्रवक्ताओं की भर्ती होगी

 

पेंशन निधि में सालाना 1632 करोड़ रुपये जाते थे। सरकार अब महालेखाकार कार्यालय को एनपीएस कर्मचारियों के जीपीएफ खाते खोलने के लिए पत्र लिखेगी। बैठक में सीधी भर्ती से विभिन्न विषयों के लेक्चरर (स्कूल न्यू) के 530 पद भरने का निर्णय लिया गया। इसके तहत अलग-अलग विषयों में प्रवक्ताओं की भर्ती होगी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने के संबंध में औपचारिक निर्णय लेना शेष रह गया है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह एसओपी घोषित की जा सकती है।

 

वित्त विभाग के प्रधान सचिव मनीष गर्ग व सचिव अक्षय सूद की गैरमौजूदगी में 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों से जुड़े ओपीएस मामले पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पक्ष रखा। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों को एनपीएस कर्मचारियों की ओर से केंद्र को दी जाने वाली मासिक राशि को रोकने के निर्णय से अवगत करवाया।

 

भवनों में एटिक की 3.5 मीटर ऊंचाई को मंजूरी

 

जनता की सुविधा के लिए एटिक फ्लोर को रहने योग्य बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियम 2014 में संशोधन होगा। प्रदेश के सभी जिलों में निर्मित पुराने व नए भवनों में एटिक की 3.5 मीटर ऊंचाई को मंजूरी दी गई। निर्णय से हजारों भवन मालिकों को लाभ होगा। शिमला शहर सहित प्रदेश के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में भवन मालिक एटिक फ्लोर के संबंध में परेशान थे। सरकार ने सभी भवन मालिकों को एटिक को नियमित करने का निर्णय लिया।अस्पतालों में मास्क अनिवार्य मंत्रिमंडल के समक्ष प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति पर प्रस्तुति दी गई। बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए चिंता जताई गई।

 

कोरोना संक्रमण की स्थिति पर स्वास्थ्य विभाग को नजर रखने के लिए कहा गया है। सभी अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अगले सात दिन तक नजर रखने का निर्णय लिया गया। संक्रमण कम नहीं हुआ तो सात दिन बाद होने वाली समीक्षा बैठक में सख्त कदम उठाए जा सकते हैं और सरकार बंदिशें लगाने का निर्णय लेगी।

 

वार्षिक लाइसेंस शुल्क अब डेढ़ लाख रुपये

 

हिमाचल प्रदेश नशीली दवाएं एवं मादक पदार्थ अधिनियम 1989 के नियम 50 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। राजस्व बढ़ाने की दिशा में उठाए गए इस कदम से अब दवा विक्रेताओं का वार्षिक लाइसेंस शुल्क दो हजार रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये किया गया। प्रदेश सचिवालय में आर्म्सडेल भवन के पीछे बनी बहुमंजिला इमारत को नियमित कर दिया गया है। बैठक में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचपीएएस) संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से सीधी भर्ती के आधार पर पुलिस उप अधीक्षक के दो पदों को नियमित आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की गई।

 

अनुबंध की अवधि घटाई भी जा सकती है

 

सरकार अनुबंध कर्मचारियों के साथप्रदेश सरकार अनुबंध कर्मचारियों के साथ है। अनुबंध कर्मचारियों का सेवाकाल दो वर्ष है। अनुबंध के दौरान कर्मचारियों को तय वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि सरकार चाहेगी तो अनुबंध की अवधि घटाई भी जा सकती है। मंत्रिमंडल ने निर्धारित वेतन पर भर्ती के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमावली के नियम चार व 15 ए के अंतर्गत उपयुक्त संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। सरकार की ओर से अनुबंध सेवा की अवधि एवं वेतन को समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा।

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