मंडी नगर निगम में गीले-सूखे कूड़े की समस्या का अब समाधान जल्द।

मंडी में गीले-सूखे कूड़े की समस्या का अब समाधान जल्द।

शहर मंडी की कुल ढ़ाई-तीन लाख की आबादी से प्रतिदिन 24 टन कूड़ा निकल रहा है। इस कचरे का अलग से निपटान न होने के कारण डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का कार्य कर रही महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि शहर मंडी में भारी संख्या में लोग कूड़े गीला-सूखा एक साथ दे रहे हैं। जिससे शहर मंडी के डंपिंग साइट बिंदरावणी में कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। जिसे खत्म करने के सभी प्रयास फेल हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए नगर निगम मंडी दो मशीनें ला रही हैं। यह दोनों मशीनें अगले दो-चार दिनों में ही मंडी पहुंच जाएगी। इन मशीनों में ओडब्ल्यूसी और शेरडर मशीन शामिल हैं। ओडब्ल्यूसी मशीन कूड़े, प्लास्टिक, रबड, कांच, बैग आदि को अलग-अलग तीन हिस्सों में अलग-अलग कूड़ा बनाकर निकालेगी।

इसके साथ शेरडर मशीन गील-सूखे कूड़े को अलग-अलग करेगी। जिससे गीला-सूखा कूड़े की लगातार आ रही शिकायतों से सफाई कर्मचारियों को राहत मिलेगी। बता दें कि शहर में 13 टन गीला कूड़ा निकलता है और 11 टन कूड़ा सूखा होता है। बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन कार्य में लगी महिलाओं को शहर के होटलों व घरों से निकलने वाले सूखे कचरे से तो दिक्कत नहीं थी। परंतु बड़े पैमाने पर निकलने वाले गीले कचरे का संग्रहण व उसका निपटान मुसीबत का कारण बन गया था। उक्त गीले कचरे में बदबू आने के कारण भी महिलाओं के लिए परेशान का सबब बन गया था। नगर निगम मंडी ने महिलाओं की इस गंभीर समस्या को देखा, समझा और इसके अलग से निपटान के लिए योजना बनाई। जिसके बाद गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने के लिए 12 लाख रुपये की कीमत की शेरडर मशीन का ऑर्डर किया है। इस संबंध में नगर निगम मंडी के उप-महापौर वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि दोनों मशीनें अलगे दिनों में निगम के पास पहुंच जाएगी। शहर के होटलों व घरों से निकलने वाले सूखे-गीले कूड़े के संग्रहण व निपटारे को ली जाने फीस से हर माह नगर निगम को 5 लाख रुपये की आय होता है। शहर में सन 2011 में करवाये गए एक सर्वे में 41375 जनसंख्या पाई गई थी। जो वर्तमान में दोगुना हो गई है और शहर के किरायेदारों, दुकानदारों, रेहड़ी-फड़ी वालों को मिलाकर 7 गुना हो जाती है। अनुमान के अनुसार ढ़ाई से पौने तीन लाख के करीब शहर में लोग रह रहे हैं। प्रतिदिन शहर के 15 वार्डों से कूड़ा एकत्रित करने के लिए करीब 200 से 250 सफाई कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। शहर मंडी के घरों व होटलों से निकलने वाले गीले कचरे की मशीनों की मदद से नगर निगम खाद बनाएगी।
पंरतु गीले कचरे में कई तरह की गंदगी होने के कारण उसे सीधे कंपोस्ट मशीन में डाला नहीं जा सकता। उसकी शेरडर मशीन की मदद से छंटाई धुलाई कर रेत, धूल व अन्य मिक्स कचरे को अलग कर दिया जाएगा और गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी। वहीं, गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए बिंदरावणी में निगम द्वारा 24 पीट बनाये हैं। (एचडीएम)

पड्डल गुरुद्वारा के नीचे बनेगी दूसरी डंपिंग साइट
नगर निगम मंडी शहर मंडी के पड्डल गुरुद्वारा के नीचे ब्यास नदी के किनारे दूसरी डंपिंग साइट बनाई जाएगी। इसके लिए नगर निगम मंडी जल्द ही टेंडर जारी करेगी। डंपिंग साइट बनने के बाद जहां पर ओडब्ल्यू मशीन रखी जाएगी। जहां पर सूखे कूड़े से खाद बनाई जाएगी और प्लास्टिक , बैग, रबड, कांच आदि अन्य पदार्थों का चूरा बनाने सीमेंट प्लांट के लिए भेजा जाएगा। मंडी से प्रतिदिन 11 टन कूड़ा सूखा निकलता है।

y Divya Himachal

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