मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि सरकार जल उपकर लगाने से पीछे नहीं हटेगी। उनका कहना है कि केंद्र सरकार प्रदेश का हक छीन रही है।
जल विद्युत परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग होने वाले जल पर उपकर लगाया जाएगा। प्रदेश में स्थापित 172 जल विद्युत परियोजनाओं को जल उपकर देना पड़ेगा।
शिमला नगर निगम चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार को जल पर कर लगाने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। लेकिन केंद्र सरकार राज्य के मामले में हस्तक्षेप कर रही है, ये तय है कि प्रदेश सरकार जल उपकर लगाकर रहेगी।
केंद्र सरकार ने दो पत्र लिखे केंद्र सरकार हिमाचल सरकार को दो पत्र लिखकर अवगत करवा चुकी है कि राज्य सरकार जल उपकर नहीं लगा सकती है। ये वैध और संविधानिक नहीं है। अंतिम बार केंद्र सरकार की ओर से 25 अप्रैल को हिमाचल सरकार को पत्र पहुंचा है। केंद्र सरकार ने देश के अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को भी इससे अवगत करवा दिया है।
विधानसभा में प्रस्ताव पारित विधानसभा के पहले बजट सत्र में सरकार की ओर से जल उपकर लगाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से मिलकर साफ कर चुके हैं कि जल उपकर लगाने से दोनों राज्य बिलकुल भी प्रभावित नहीं होंगे। लेकिन दोनों राज्यों ने जल उपकर को लेकर आपत्ति जताई है।