King Charles III: ताजपोशी के बाद किंग चार्ल्स 723 साल पुराने इस सिंहासन पर बैठेंगे…पहनेंगे 2,868 हीरों से बना ताज

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King Charles III: ताजपोशी के बाद किंग चार्ल्स 723 साल पुराने इस सिंहासन पर बैठेंगे…पहनेंगे 2,868 हीरों से बना ताज।किंग चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी 6 मई को आधिकारिक रूप से कर दी जाएगी. इस मेगा इवेंट पर पूरी दुनिया की नजर है. दुनिया भर से इस बड़े समारोह में नामचीन हस्तियां हिस्सा लेने आएंगी.

कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इस इवेंट में पहुंचेंगे. हालांकि, इससे इतर आम लोगों के लिए यह इवेंट बेहद खास होने वाला है, क्योंकि कई साल बाद फिर से ब्रिटेन में एक नए राजा की ताजपोशी होने वाली है.

इससे पहले क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी. हालांकि, तब लोगों के पास स्मार्टफोन और तेज इंटरनेट नहीं था, इसलिए आम लोगों को नहीं पता चल पाया कि आखिर ब्रिटेन के शाही परिवार में जब किसी की ताजपोशी होती है तो किन रिती रिवाजों को फॉलो किया जाता है. लेकिन अब किंग्स चार्ल्स के समय ऐसा नहीं है. लोगों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट मौजूद है इसलिए वह इस बार हर रिती रिवाज को देख भी पाएंगे और उनके बारे में जान भी पाएंगे. इन्हीं रिती रिवाजों में है एक 723 साल पुराना सिंहासन और 2,868 हीरों से बना ताज…जिनकी कहानी आपको हम बताने जा रहे हैं.

कैसा है 723 साल पुराना सिंहासन?

ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स की ताजपोशी वेस्टमिंस्टर ऐबी में होगी. यहां एंग्लिकन चर्च के धार्मिक नेता कैंटरबरी के आर्कबिशप उनकी ताजपोशी कराएंगे. ताजपोशी के बाद आर्कबिशप किंग चार्ल्स का पवित्र तेल से अभिषेक करेंगे और फिर उन्हें आज से 723 साल पुराने महाराज एडवर्ड के सिंहासन पर बिठा कर आशीर्वाद देंगे. ये सिंहासन बेहद खास है. इसे साल 1300 में बनाया गया था. 1626 के बाद ब्रिटेन में जितने भी राजा या रानी हुए हैं, उन्हें ताजपोशी के बाद इसी सिंहासन पर बिठाया गया है.

2,868 हीरों से बना ताज पहनेंगे किंग चार्ल्स

किंग चार्ल्स को सिंहासन पर बिठाने के बाद उन्हें एक खास ताज पहनाया जाता है और एक राजदंड दिया जाता है. इस राजमुकुट को आर्कबिशप ही पहनाते हैं. ये ताज कोई आम ताज नहीं है इसे 1661 में चार्ल्स द्वितीय के लिए बनाया गया था और इस ताज का नाम रखा गया था सेंट एडवर्ड ताज. इस ताज में कई तरह के हीरे जवाहरात, सोना, चांदी, माणिक, पन्ना और अनोखे रत्न लगे हैं. इसका वजन लगभग 2 किलो होता है. हालांकि, ताज का वजन ज्यादा होने के नाते साल 1937 में एक नया ताज बनाया गया था जो जॉर्ज षष्ठम की ताजपोशी के लिए बनवाया गया था. इस ताज को नया राजा तब पहनता है जब वह वेस्टमिंस्टर ऐबी से बाहर निकलता है. किंग चार्ल्स भी एबी से बाहर निकलने के बाद यही ताज पहनेंगे. इस ताज की सबसे खास बात ये है कि इसे बनाने में 2868 हीरों का इस्तेमाल किया गया है.

By ABP न्यूज़

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