उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कई निवेशक रज्जुमार्ग के निर्माण कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी और रोहतांग में प्रस्तातिव रज्जु मार्ग का निर्माण कार्य भी हिमाचली ही कर रहा है। हमारे लिए गर्व की बात है कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के रज्जू मार्ग तैयार करने में हिमाचली अहम भूमिका निभा रहे है। हिमाचल प्रदेश स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया की तरह रज्जु मार्गों का जाल प्रदेश में बिछाएगा।
उन्होंने कहा कि यूरोप के देशों में 25000 हजार के करीब रज्जु मार्ग प्रोजेक्ट है जबकि भारत में 20 के करीब ही अभी तक रज्जु मार्ग बन पाए हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश में रज्जुमार्ग की संख्या में इजाफा हो रहा है। बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोप वे बनाने को लेकर कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है। बगलामुखी मंदिर में रज्जु मार्ग बन कर तैयार हो चुका है। इसका भी जल्द उदघाटन होगा जोकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सार्थक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला में भारत और एशिया का पहला 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 13.79 किलोमीटर लंबा रज्जु मार्ग बनेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ग्रीन राज्य की दिशा में धरातल पर कार्य कर रही है। छह ग्रीन कॉरिडोर हिमाचल में तैयार किए जा रहे है। हमारी सरकार पूरी तरह से वचनबद्ध है। शिमला शहर में रज्जुमार्ग द्वारा नवीन शहरी परिवहन पर होने वाले खर्च का 20 फीसदी खर्चा प्रदेश सरकार वहन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि शिमला के स्थानीय विधायक और नगर निगम मेयर की सबसे बड़ी उपलब्धि ये रज्जु मार्ग बनेगा। इसके लिए हर संभव प्रयास और सहयोग करने के लिए सक्रिय रहें।
इस मौके पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, स्थानीय विधायक हरीश जर्नाथा, रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड से प्रतिनिधियों, आरटीडीसी निदेशक अजय शर्मा सहित कई हितधारक मौजूद रहें।
शिमला रज्जु मार्ग का कार्य 1 मार्च 2025 से आरंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक एफसीए मंजूरी के लिए सारे दस्तावेज परिवेष पोर्टल पर 1 अप्रैल 2024 को अपलोड कर दिया गया है। इसके साथ ही रूट के लाईनों के नाम मोनाल लाईन, देवदार लाइन और एप्पल लाईन रखे गए है। वही न्यू डेवलपमेंट बैंक की ओर से फैक्ट फाईडिंग मिशन के तहत 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है। एनडीबी ने कान्सेप्ट नोट को 12 जुलाई 2024 को मंजूरी दी है। एनडीबी के दिसंबर में प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक में प्रोजेक्ट को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद त्रिपक्षीय समझौते के बाद टेंडर अवार्ड होगा और 1 मार्च 2025 से कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
रज्जु मार्ग पर्यावरण हितैषी – सुंदर सिंह ठाकुर
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि रज्जु मार्ग पर्यावरण हितेषी है। इससे जहां यातायात जाम की समस्या का निजात मिलेगा, वहीं पर्यटन के कारोबार को नए पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि कुल्लु में प्रस्तावित बिजली महादेव रज्जु मार्ग पर्यटन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कर रही कंपनी को भूमि स्थानांतरित कर दी गई है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने रज्जु मार्गों को लेकर गंभीरता दिखाई है।
एचआरटीसी से भावानात्मक रिश्ता
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के साथ एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ा हुआ है। इस वर्ष निगम गोल्डन जुबली मना रहा है। आज करीब 3200 के करीब एचआरटीसी की बसें प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों से जोड़ रही है। हमारी प्राथमिकता प्रदेश वासियों को सुविधा देना है। ऐसे कई रूट है जहां पर घाटा हो रहा है लेकिन लोगों की सुविधाओं के लिए ऐसे रूट भी आवश्यक है। इलेक्ट्रिक वाहनों से जहां हरित ऊर्जा का दोहन होगा, वहीं खर्च भी कम आएगा। हिमाचल पथ परिवहन निगम 327 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करने जा रहा है। आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में निगम की बसों की अग्रणी भूमिका हैा।
स्वच्छ और हरित राज्य बनाने रज्जु मार्गों की अहम भूमिका – आरडी नजीम
प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक स्वच्छ और हरित राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। रज्जू मार्ग स्वच्छ और हरित राज्य बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। तारा देवी से शिमला रज्जु मार्ग के लिए प्रदेश सरकार और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) वित्तीय सहायता करेगी। 80 फीसदी ऋण एनडीबी और 20 फीसदी प्रदेश सरकार अनुदान करेगा। 1734.40 करोड़ रुपये के प्रस्तावित रज्जु मार्ग से शिमला शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। प्रदेश 44 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके है जबकि 46 स्टेशन का क्रियानव्यन चला हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्वत माला प्रोजेक्ट के तहत अधिक से अधिक प्रोजेक्ट हिमाचल के लिए मांगे गए है।
रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में रज्जु मार्गों के लिए प्रदेश सरकार विशेष तौर पर कार्य कर रही है। देश दुनिया के हितधारकों ने हिमाचल में रुचि दिखाना शुरू किया है। हमें केवल रज्जु मार्गो को पर्यटन की दृष्टि से ही नही बल्कि यातायात की दृष्टि से भी देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिमला, धर्मशाला, किलाड़, नारकंडा- हाटु पीक, जाबली- कसौली, शिरगुल महादेव, पुंडरिक ऋषि मंदिर रज्जु मार्ग जिला मंडी में बनना प्रस्तावित है।उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट जब धरातल में आंरभ हो जाएंगे तो हिमाचल की पहचान रज्जू मार्ग से होगी।
स्थानीय और पर्यटकों के लिए भिन्न होगा किराया
उक्त रज्जु मार्ग के आंरभ होने से किराये की दरें स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए अलग अलग होंगी। इस बैठक में विस्तृत रूप से चर्चा की गई कि किराया प्रदेश सरकार तय करेगी लेकिन किराया आम जनता की जेबों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा
एक घंटे में दो हजार लोग कर सकेंगे सफर
रज्जु मार्ग में एक तरफ से एक हजार लोगों की आवाजाही शुरूआती तौर पर रहेगी। वहीं दोनों तरफ से दो हजार लोग एक घंटे में सफर कर पाएंगे। वहीं 2059 तक रज्जु मार्ग में 3 हजार लोगों को एक तरफ से ले जाने की व्यवस्था तैयार हो जाएगी। ऐसे में 6 हजार लोग एक घंटे में सफर कर सकेंगे। दुनिया में सबसे लंबा रज्जु मार्ग बोलीविया में 32 किलोमीटर का है। शिमला का प्रस्तावित रज्जु मार्ग 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा।
गंढोले पर होंगे सोलर पैनल
इस प्रोजेक्ट को हरित उर्जा के लिए जोड़ा जाएगा। जहां पर स्टेशन स्थापित होंगे वहां पर भी सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही गंढोले पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक ऊर्जा का दोहन किया जा सके।
रज्जु मार्ग के तहत विभिन्न स्थानों पर स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसके लिए तारादेवी, चक्कर कोर्ट, टुटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार, सचिवालय, लिफ्ट के पास रोपवे के बोर्डिंग स्टेशन चिन्हित किए गए हैं।
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