कब पूरे होंगे Jaypee Group के 20 हजार अधूरे फ्लैट ? NCLT ने सुरक्षित रखा आदेश। कर्ज के बोझ से दबी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Limited) के अधूरे पड़े 20,000 फ्लैट्स का निर्माण पूरा होने का रास्ता जल्द साफ हो सकता है. ये उन घर खरीदारों (Relief for Home Buyers) के लिए राहत की खबर है जिन्होंने जेपी के प्रोजेक्ट में अपने सपनों का आशियाना बुक कराया है.
इसके पीछे वजह ये है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए मुंबई के सुरक्षा ग्रुप की ओर से जो बोली (Suraksha Group’s Bid) लगाई गई, उसे एनसीएलटी ने स्वीकार कर लिया है. अब इसे लेकर एनसीएलटी कभी भी फैसला सुना सकती है.
वेबसाइट पर अपलोड हुआ आदेश
एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने 22 नवंबर को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली. इसके बाद पीठ ने संबंधित पक्षों से उनकी आखिरी दलील लिखित रूप में पेश करने के लिए कहा था. अब हाल ही में इससे जुड़े आदेश को एनसीएलटी की वेबसाइट पर डाला गया है.
नोएडा और ग्रेनो में अधूरे हैं 20 हजार फ्लैट्स
उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जेपी इंफ्राटेक की कई परियोजनाएं अधूरी रहने से करीब 20,000 फ्लैट खरीदारों को अभी तक अपने घर नहीं मिल पाए हैं. मुंबई के सुरक्षा ग्रुप को जून 2021 में जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए वित्तीय लेनदारों एवं घर खरीदारों की मंजूरी मिली थी.
इस साल की शुरुआत में ही सुरक्षा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आलोक दवे ने कहा था कि एनसीएलटी की मंजूरी मिलते ही वह जल्द से जल्द रुके पड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने लगेगी. इसके लिए समूह ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.
4 साल में लोगों को मिल जाएंगे फ्लैट्स
जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिए सुरक्षा ग्रुप ने अपनी आखिरी पेशकश में कर्ज देने वाले बैंकों को 2500 एकड़ से अधिक भूमि देने की पेशकश की है. वहीं नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के तौर पर वह बैंकों को 1300 करोड़ रुपये का भुगतान भी करेगा. इतना ही नहीं कंपनी का दावा है कि वह अगले 4 साल में सभी फ्लैट्स का निर्माण पूरा कर लेगा.
जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया अगस्त 2017 में शुरू की हुई थी. लेकिन लंबी कानूनी लड़ाई चलने से अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. ये उन शुरुआती 12 कंपनियों में से है, जिन्हें लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्ज वसूली के लिए बैंकों को एनसीएलटी जाने की सलाह दी थी.
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Source : “TV9 Bharatvarsh”
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