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प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कोडेकल में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कोडेकल में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री ने आज कर्नाटक में कोडेकल के यादगीर में, सिंचाई, पेयजल और एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में जल जीवन मिशन के तहत यादगीर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखना और सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे एनएच-150सी के 65.5 किमी खंड (बदादल से मरदगी एस अंडोला तक) और नारायणपुर लेफ्ट बैंक नहर – विस्तार पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण परियोजना (एनएलबीसी – ईआरएम)का उद्घाटन शामिल है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के लोगों के प्यार और समर्थन पर प्रकाश डाला और कहा कि यह बड़ी ताकत का स्रोत बन गया है। यादगीर के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने रट्टिहल्ली के प्राचीन किले की ओर इशारा किया जो हमारे पूर्वजों की क्षमताओं का प्रतीक है और हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। उन्होंने महान राजा महाराजा वेंकटप्पा नायक की विरासत के बारे में भी चर्चा की, जिनके स्वराज और सुशासन के विचार पूरे देश में प्रसिद्ध थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सभी को इस विरासत पर गर्व है।”

प्रधानमंत्री ने सड़कों और पानी से जुड़ी परियोजनाओं या आज शिलान्यास की गई परियोजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों को व्यापक लाभ मिलेगा। सूरत चेन्नई कॉरिडोर के कर्नाटक हिस्से में भी आज काम शुरू हुआ, जिससे यादगीर, रायचूर और कलबुर्गी सहित क्षेत्र में जीवन-यापन में आसानी होगी और रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने उत्तरी कर्नाटक में विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि देश अगले 25 वर्षों के नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आगे बढ़ रहा है। यह 25 साल देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अमृत काल है, प्रत्येक राज्य के लिए अमृत काल है। उन्होंने कहा, “इस अमृत काल में हमें विकसित भारत का निर्माण करना है। भारत विकसित तब हो सकता है, जब देश का हर नागरिक, हर परिवार, हर राज्य इस अभियान से जुड़े। भारत विकसित तब हो सकता है, जब खेत में काम करने वाला किसान हो या फिर उद्योगों में काम करने वाला श्रमिक, सभी का जीवन बेहतर हो। भारत का विकास तब हो सकता है जब अच्छी फसल हो और कारखानों का उत्पादन भी बढ़े। इसके लिए अतीत के नकारात्मक अनुभवों और खराब नीतियों से सीखने की जरूरत होगी।” उत्तर कर्नाटक में यादगीर का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने विकास के रास्ते में इस क्षेत्र में व्याप्त पिछड़ेपन पर अफसोस जताया। भले ही इस क्षेत्र में क्षमता थी, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने सिर्फ यादगीर और ऐसे अन्य जिलों को पिछड़ा घोषित करके खुद को दोषमुक्त कर लिया था। उन्होंने कहा कि जिन जिलों को पहले ही सरकार ने पिछड़ा घोषित किया, उन जिलों में हमने विकास की आकांक्षा को प्रोत्साहित किया। उन्होंने उस समय को याद किया जब अतीत की सत्ताधारी सरकारें वोट बैंक की राजनीति में लिप्त थीं और बिजली, सड़क और पानी जैसे बुनियादी ढांचे पर ध्यान नहीं दिया था। वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका ध्यान केवल विकास पर है न कि वोट बैंक की राजनीति पर। प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर देश का एक भी जिला विकास के पैमानों पर पिछड़ जाए तो भी देश विकसित नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर सबसे पिछड़े क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान किया और यादगीर सहित देश के 100 से अधिक ऐसे जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया, विकास के हर पैमाने पर काम शुरू किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यादगीर ने 100 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया है, कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है, जिले के सभी गांव सड़कों और ग्राम पंचायत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की उपलब्धता से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “शिक्षा, स्वास्थ्य या कनेक्टिविटी हो, यादगीर आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के शीर्ष 10 निष्पादकों में से एक रहा है।” प्रधानमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के भारत के विकास के लिए जल सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कहा कि वाटर सिक्योरिटी 21वीं सदी के भारत के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि भारत को विकसित होना है तो बॉर्डर सिक्योरिटी, कोस्टल सिक्योरिटी, इंटरनल सिक्योरिटी की तरह ही वाटर सिक्योरिटी से जुड़ी चुनौतियों को भी समाप्त करना ही होगा। उन्होंने कहा, “डबल इंजन की सरकार सुविधा और संचय के दृष्टिकोण से काम कर रही है।” उन्होंने बताया कि 2014 में लंबित पड़ी 99 सिंचाई योजनाओं में से 50 पूरी हो चुकी हैं और योजनाओं का विस्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी ऐसी कई परियोजनाएं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि नारायणपुर लेफ्ट बैंक कैनाल – एक्सटेंशन रिनोवेशन एंड मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट 10,000 क्यूसेक की क्षमता वाली नहर से 4.5 लाख हेक्टेयर कमांड एरिया की सिंचाई की जा सकती है। श्री मोदी ने सूक्ष्म सिंचाई और ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ पर अभूतपूर्व ध्यान देने की भी बात की, क्योंकि पिछले 7-8 वर्षों में 70 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाया गया है। उन्होंने बताया कि आज की परियोजना से कर्नाटक में 5 लाख हेक्टेयर भूमि को लाभ होगा और जल स्तर बढ़ाने के लिए काम चल रहा है।

डबल इंजन सरकार में किए गए कार्यों का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि साढ़े तीन साल पहले जब जल जीवन मिशन शुरू हुआ था, तब अठारह करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल तीन करोड़ ग्रामीण परिवारों में पाइप से पानी का कनेक्शन था। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज यह संख्या ग्यारह करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच गई है और इनमें से पैंतीस लाख परिवार कर्नाटक से हैं।” उन्होंने कहा कि यादगीर और रायचूर में प्रति घर पानी का कवरेज कर्नाटक और देश के समग्र औसत से अधिक है।

आज उद्घाटन की गई परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यादगीर में हर घर को नल का पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि एक अध्ययन से पता चला है कि भारत के जल जीवन मिशन के प्रभाव से हर साल 1.25 लाख से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकेगी। हर घर जल अभियान के लाभों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6,000 रुपये देती है और कर्नाटक सरकार 4,000 रुपये और जोड़ती है जो किसानों के लिए लाभ को दोगुना कर देती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यादगीर के करीब सवा लाख किसान परिवारों को पीएम किसान निधि से करीब 250 करोड़ रुपये मिले हैं।”

डबल इंजन सरकार के तालमेल के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा नई शिक्षा नीति शुरू करने के साथ, कर्नाटक सरकार विद्या निधि योजनाओं के माध्यम से गरीब छात्रों की मदद कर रही है, क्योंकि बुनियादी ढांचे और सुधारों पर डबल इंजन सरकार का ध्यान कर्नाटक को निवेशकों की पसंद में बदल रहा है। उन्होंने कहा, “कर्नाटक सरकार मुद्रा योजना के तहत बुनकरों को और मदद देकर केंद्र की मदद को बढ़ाती है।”

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी यदि कोई व्यक्ति, वर्ग या क्षेत्र वंचित है तो उसे वर्तमान सरकार सर्वाधिक प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दशकों तक करोड़ों छोटे किसान भी हर सुख-सुविधा से वंचित रहे, सरकारी नीतियों में उनका ध्यान तक नहीं रखा गया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज यही छोटा किसान देश की कृषि नीति की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने किसानों को मशीनरी से मदद करने, उन्हें ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक की ओर ले जाने, नैनो यूरिया जैसे रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने, छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाने और पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन को समर्थन देने का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को दाल का कटोरा बनाने और इस क्षेत्र में विदेशी निर्भरता को कम करने में देश की मदद करने के लिए स्थानीय किसानों की सराहना की। उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में एमएसपी के तहत 80 गुना अधिक दालों की खरीद की गई है। दलहन किसानों को 2014 से पहले के कुछ सौ करोड़ रुपये की तुलना में पिछले 8 वर्षों में 60 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।

यह बताते हुए कि वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में ज्वार और रागी जैसे मोटे अनाज का उत्पादन बहुतायत में होता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार इस पौष्टिक मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने और इसे दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कर्नाटक के किसान इस पहल को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

कर्नाटक में कनेक्टिविटी की बात आने पर डबल इंजन सरकार के लाभों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कृषि, उद्योग और पर्यटन के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है और सूरत-चेन्नई आर्थिक गलियारा के पूरा होने के साथ उत्तर कर्नाटक के बड़े हिस्से को होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने बताया कि देशवासियों के लिए उत्तर कर्नाटक के पर्यटन स्थलों और तीर्थों तक पहुंचना भी आसान होगा, जिससे युवाओं के लिए हजारों नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, “बुनियादी ढांचे और सुधारों पर डबल इंजन सरकार का ध्यान कर्नाटक को निवेशकों की पसंद में बदल रहा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में इस तरह के निवेश में और वृद्धि होने जा रही है, क्योंकि दुनिया भर में भारत में निवेश करने का उत्साह है।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा और कर्नाटक सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

सभी घरों में व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक और कदम के रूप में जल जीवन मिशन के तहत यादगीर जिले के कोडेकल में यादगीर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखी। इस योजना के तहत 117 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। 2050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना से 700 से अधिक ग्रामीण बस्तियों और यादगिरि जिले के तीन शहरों के लगभग 2.3 लाख घरों को पीने योग्य पानी उपलब्ध होगा।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नारायणपुर लेफ्ट बैंक कैनाल के विस्तारीकरण, पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण परियोजना (एनएलबीसी- ईआरएम) का भी शुभारंभ किया। 10,000 क्यूसेक की क्षमता वाली नहर परियोजना से 4.5 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र की सिंचाई की जा सकती है। इससे कलबुर्गी, यादगिरी और विजयपुर जिलों के 560 गांवों के तीन लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा। परियोजना की कुल लागत लगभग 4700 करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री एनएच-150सी के 65.5 किलोमीटर लंबे खंड का शिलान्यास भी रखी। यह 6 लेन वाली ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। इसे करीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

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