माणिक साहा दूसरी बार त्रिपुरा CM बने, साथ में 8 विधायकों ने भी ली शपथ, कैबिनेट की 3 कुर्सी खाली, जानें वजह

त्रिपुरा में बुधवार को नई सरकार अस्तित्व में आ गई। डेंटल सर्जन से राजनीतिज्ञ बने माणिक साहा ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। राज्यपाल सत्यदेव नारायण अराया ने साहा और आठ कैबिनेट सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

 

हालांकि, कैबिनेट के तीन मंत्री पदों को खाली रखा गया है, सूत्रों के मुताबिक, अगर टिपरा मोथा सरकार में शामिल होने के लिए सहमत होती है तो उनके विधायकों से भरा जाएगा।

पीएम मोदी और शाह समेत कई दिग्गज रहे मौजूद

अगरतला के विवेकानंद स्टेडियम में भव्य रूप से शपथ समारोह आयोजित किया गया। समारोह में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, प्रेम सिंह तमांग और नोंगथोम्बम बीरेन सिंह के अलावा कुछ अन्य शीर्ष नेता भी शामिल हुए। .

 

 

 

त्रिपुरा में भाजपा ने जीती है 32 सीटें

भाजपा ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है। सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीती, जबकि टिपरा मोथा ने 20 आदिवासी-आरक्षित क्षेत्रों में से 13 पर जीत हासिल की है। टिपरा मोथा ने चुनाव में राज्य की 50 साल पुरानी प्रमुख पार्टियों, सीपीएम और कांग्रेस को विपक्ष से भी बाहर कर दिया है।

इस चुनाव में सीपीएम और कांग्रेस दोनों ने बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए सीटों का बंटवारा किया था। लेकिन 60 सदस्यीय सदन में लेफ्ट 11 और कांग्रेस तीन सीटों पर सिमट गई।

साहा ने कांग्रेस के आशीष को हराया

साहा ने अगरतला के बोरडोवली से कांग्रेस के दिग्गज नेता आशीष कुमार साहा को 1,257 मतों के अंतर से हराकर सिर्फ 10 महीने की विधायी राजनीति में दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। साहा ने पिछले मई में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब का स्थान लिया था, जिन्हें पार्टी के भीतर भारी विरोध के बाद पद छोड़ना पड़ा था।

 

 

 

साहा ने छह महीने में लौटाई खोई जमीन

इससे पहले साहा ने सीएम बनने के 40 दिन बाद आशीष कुमार के खिलाफ उपचुनाव 6 हजार से ज्यादा वोटों से जीता था। डॉ. साहा के कुशल नेतृत्व में भाजपा ने छह महीने के भीतर अपनी खोई हुई जमीन हासिल कर ली और गुटबाजी के साथ-साथ सत्ता विरोधी लहर को काफी हद तक रोक दिया।

कैबिनेट में चार नए चेहरे

निवर्तमान कैबिनेट के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंहा रॉय, संताना चकमा और सुशांत चौधरी को कैबिनेट मंत्री के रूप में पद की शपथ दिलाई गई। पहली बार विधायक बने चार नए चेहरे जिनमें भाजपा के टिंकू रॉय और बिकास देबबर्मा और आईपीएफटी के शुक्ला चरण नोआतिया शामिल हैं, के अलावा दूसरी बार के विधायक सुधांशु दास को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

टिपरा मोथा को सरकार में लाने की कवायद तेज

डॉ. साहा ने डिप्टी सीएम का पद नहीं भरा है और अभी तक सदस्यों के बीच पोर्टफोलियो का वितरण नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व टीआईपीआरए मोथा को सरकार में शामिल होने के लिए राजी कर रहा है, लेकिन इसके प्रमुख, शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा, अपनी ग्रेटर टिपरा लैंड मांग के संवैधानिक समाधान के लिए लिखित प्रतिबद्धता दिए जाने तक सहमत नहीं हुए।

देबबर्मा बोले- डिमांड पूरा किए बिना कोई समर्थन नहीं

देबबर्मा ने दावा किया कि उन्हें सरकार में शामिल होने के लिए भाजपा की ओर से कई फोन आए लेकिन उन्होंने आदिवासी मुद्दों के संवैधानिक समाधान की मांग करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि अगर वे हमारी मांग के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं तो टिपरा और आईपीएफटी के बीच कोई अंतर नहीं होगा। हम 14 लाख स्वदेशी आबादी के दुखों को खत्म करना चाहते हैं, दो-तीन मंत्री पद नहीं।’

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