क्या आप भी हैं SBI के ग्राहक? आपके बैंक अकाउंट से कट गए हैं 206.50 रुपये, तो जरूर पढ़ें ये खबर

क्या आपका भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में बैंक अकाउंट है? क्या आप एसबीआई के उन ग्राहकों में से एक हैं जिन्हें हाल ही में एक नोटिफिकेशन मिला कि आपके बैंक अकाउंट से बिना ऑथोराइजेशन के 206.5 रुपये काट लिए गए हैं?
तो इसके लिए आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बैंक हर साल आपके अकाउंट से यह पैसा काटता है। आप भी ये सवाल पूछ रहे हैं कि SBI ने आपके अकाउंट से यह पैसे क्यों काट लिए हैं। यह जानने के लिए आगे इस खबर को जरूर पढिये.. SBI ने इस कारण काटे पैसे हर भारतीय बैंक अकाउंटहोल्डर से उसके पास मौजूद एटीएम और डेबिट कार्ड के लिए सालाना मेंटेनेंस फीस यानी सर्विस चार्ज लेता है।

भारतीय स्टेट बैंक आपके कार्ड के आधार पर तीन अलग-अलग अमाउंट जैसे 147.5 रुपये, 206.5 रुपये या 295 रुपये काटता है। युवा, गोल्ड, कॉम्बो, माई कार्ड डेबिट या एटीएम कार्ड रखने वाले स्टेट बैंक के ग्राहकों को इस सर्विस चार्ज को पे करना होता है। यानी, एसबीआई के ऊपर दिये कार्ड के ग्राहकों को ये सालाना चार्ज देना होगा। एसबीआई बैंक आपके बैंक खाते से यह चार्ज अपने आप काट लेता है।

इसके लिए वह आपको पहले ज्यादातर नहीं बताता है। क्या आपके पास है SBI का ये कार्ड यदि आप युवा डेबिट कार्ड, गोल्ड डेबिट कार्ड, कॉम्बो डेबिट कार्ड या माय कार्ड डेबिट या ATM कार्ड के अलावा किसी और भी डेबिट या एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो एसबीआई आपसे सालाना मेंटेनेंस चार्ज के तौर पर 175 रुपये लेगा। हालांकि, इस पर 18% का एक्स्ट्रा GST भी देना होता है। ये जीएसटी 175 रुपये का 18% यानी 31.5 रुपये होगा, जो आपके टोटल में चार्ज में जुड़ जाएगा। यानी, आपको कुल 175 रुपये में जीएसटी 31.5 रुपये जोड़कर 206.5 रुपये देना होगा। देश का सबसे बड़ा बैंक SBI 200 से अधिक सालों के इतिहास के साथ भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक है।

देश भर में 46.77 करोड़ ग्राहकों के साथ भारतीय स्टेट बैंक भारत का सबसे बड़ा बैंक है। एसबीआई 22,266 शाखाओं, 68,016 बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंस और 65,000 से अधिक एटीएम के माध्यम से ग्राहकों को अपनी सेवा दे रहा है। डेबिट कार्ड से खरीदारी के लिए बैंक 27.58% बाजार को कंट्रोल करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post UBS और क्रेडिट सुइस का संकट भारत में भी लेगा नौकरियों की बलि, दांव पर हजारों Jobs
Next post Robotic Surgery: क्या लैप्रोस्कोपिक तकनीक से बेहतर है रोबोटिक सर्जरी, जानिए भारत में कितनी महंगी