कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी बुधवार को तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. चुनाव आयोग के ऐलान के मुताबिक राज्य में 10 मई को वोट डाले जाएंगे और 13 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से कर्नाटक विधानसभा चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है.
इस बार के चुनाव को 2024 का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है. चुनाव के लिए 13 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी होगा. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही कर्नाटक में आज से चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है. चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव करना उनका लक्ष्य है.
राज्य में चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया 24 मई से पहले पूरी कर ली जाएगी. चुनाव आयोग के मुताबिक, राज्य में इस बार के विधानसभा चुनाव 9.17 लाख नए वोटर हिस्सा लेंगे. वहीं, राज्य में कुल वोटरों की संख्या अब 5.22 करोड़ पहुंच गई है.
चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस की कुछ अहम बातें-
- 13 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.
- 20 अप्रैल रो नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख होगी.
- 21 अप्रैल को नॉमिनेशन की स्क्रूटनी की जाएगी.
- 24 अप्रैल तक उम्मीदवार अपने नॉमिनेशन को वापस ले सकते हैं.
- राज्य में चुनाव के दौरान 240 मॉडल मतदान केंद्र बनेंगे.
- 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग घर से वोट कर सकेंगे.
- वोटर को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा.
- 1 अप्रैल तक जिनकी उम्र 18 साल हो जाएगी वो भी इस चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं.
- नए मतदाताओं को जोड़ने पर जोर दिया जाएगा.
- 224 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2 58228 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.
कर्नाटक चुनाव के बड़े मुद्दे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बड़े मुद्दे की बात करे तो राज्य में आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है. इसके अलावा महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर भी राज्य की सरकारें आमने-सामने आ चुकी हैं. राज्य की जब भी बात होती है तो सांप्रदायिक तनाव का जिक्र भी आता है. इसके अलावा भ्रष्टाचार भी बड़ा मुद्दा है.
कर्नाटक में मुस्लिमों का भविष्य तय करेगा चुनाव, हाशिए पर जाएंगे या होगी नई शुरुआत?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में तीन समुदाय ऐसे हैं जिन पर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर रहती है. इसमें लिंगायत समुदाय को सबसे अहम माना जाता है. राज्य की 75-80 सीटों पर इनका प्रभाव है. इसके बाद वोक्कालिगा का जिक्र आता है जिसका 55 से 60 सीटों पर प्रभाव है. वहीं कुरुबा समुदाय का भी राज्य की 25-30 सीटों पर प्रभाव है.
कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले राज्य की बोम्मई सरकार ने मुस्लिम समुदाय को मिले चार फीसदी आरक्षण को खत्म कर दिया है. राज्य में मुस्लिम समुदाय को चार फीसदी आरक्षण मिला हुआ था, लेकिन सरकार ने अब उसे खत्म कर दिया है. हालांकि, सरकार ने कहा है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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