आखिर किन वजहों से यूं ‘गरम’ हो गए केजरीवाल, पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक की इनसाइड स्टोरी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर काफी आक्रामक दिखते हैं। हाल के समय में कई बार उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया जिनसे आमतौर पर कट्टर राजनीतिक विरोधी भी परहेज करते हैं।

2017 में दिल्ली नगर निगम और पंजाब विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद से पीएम मोदी पर सीधा प्रहार से बचते रहे केजरीवाल की ओर से अचानक बेहद तीखे शब्दों के इस्तेमाल ने राजनीतिक जानकारों को भी हैरान किया है। वे भी अब उनके बदले रुख के मायने तलाशने की कोशिश में जुटे हैं।

केजरीवाल की आक्रामकता को जहां कुछ लोग उनके सबसे करीबी नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का तात्कालिक नतीजा बता रहे हैं तो कुछ जानकार इसे ‘आप’ की सोची-समझी रणनीति और अगले लोकसभा चुनाव के प्लान से जोड़कर देख रहे हैं। हाल ही में ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’का नारा देकर कैंपने का आगाज करने वाली ‘आप’ ने पीएम मोदी की शिक्षा को मुद्दा बनाने को कोशिश की है। हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी पीएम मोदी पर निजी हमले करके सेल्फ गोल कर रही है। वे कांग्रेस नेताओं की ओर से पीएम मोदी पर की गई टिप्पणियों और इनकी वजह से उन्हें चुनाव में हुए नुकसान का जिक्र करते हैं।

बचाव के लिए हमला?
‘अटैक इज बेस्ट सेल्फ डिफेंस’ केजरीवाल की रणनीति समझाने के लिए कुछ राजनीतिक जानकार अंग्रेजी के इस मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं। वह कहते हैं कि जिस तरह दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया उसके बाद से पार्टी के लिए बचाव काफी मुश्किल हो गया था। ऐसे में केजरीवाल ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए पीएम मोदी को पर हमले शुरू कर दिए। कभी केजरीवाल के साथ करीब से काम कर चुके आप के पूर्व नेता आशुतोष ने भी हाल ही में एक लेख में केजरीवाल की बदले रुख को इसी रणनीति का हिस्सा बताया।

नैरेटिव की लड़ाई
‘आप’ के एक नेता नाम सार्वजनिक नहीं किए जाने की अपील करते हुए कहते हैं, ‘राजनीति में नैरेटिव पर बहुत कुछ निर्भर करता है। झूठे मुकदमों में नेताओं को फंसाकर भाजपा ने हमारी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन हमारे नेता ने जिस तरह भाजपा पर पलटवार किया है, उसके बाद नैरेटिव बदलता दिख रहा है।’ पार्टी के कई रणनीतिकारों का मानना है भाजपा ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे, उससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा था। ऐसे में भाजपा की सबसे बड़ी ‘ताकत’ पर चोट करना जरूरी था।

2024 की रेस में आगे निकलने की कोशिश?
अरविंद केजरीवाल ने पीएम को लेकर हमलों को नई धार ऐसे समय पर दी है जब विपक्ष में मोदी के खिलाफ 2024 में दावेदारी की होड़ लगी है। कांग्रेस जहां राहुल गांधी को पीएम मोदी का विकल्प बता रही है तो बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव तक ने विपक्ष की अपनी धुरी पर लाने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल पीएम के खिलाफ तीखे शब्दों के इस्तेमाल के जरिए खुद को उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के रूप में पेश करने की कोशिश की है।

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