अगर आप घर या कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आगे इंटरेस्ट रेट बढ़ने की उम्मीद कम है। घटेगी ग्राहकों की चिंता हालांकि, लाख कोशिशों के बावजूद रिटेल इनफ्लेशन 2-6 फीसदी की RBI की रेंज में नहीं आया है। रेपो रेट में वृद्धि की वजह से लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। खासकर होम लेने वाले लोगों की दिक्कत बहुत बढ़ गई है।
अब इंटरेस्ट रेट वृद्धि पर ब्रेक लग जाने से उनकी चिंता कम होगी। वे इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी जारी रहने के अनुमान से डरे हुए थे। होम और कार लोन महंगे नहीं होंगे केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 अप्रैल को शुरू हुई थी। इसके नतीजे सुबह 10 बजे आए।
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट नहीं बढ़ाने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने इकोनॉमी को लेकर भी कई अहम बाते बताईं। माना जा रहा है कि अब बैंक लोन के इंटरेस्ट रेट्स में वृद्धि नहीं करेंगे। इससे कार, ऑटो और पर्सनल सहित सभी तरह के लोन महंगे नहीं होंगे।
जिन लोगों ने पहले से लोन ले रखा है, उनकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। क्या है रेपो रेट? बैंक RBI से जिस इंटरेस्ट रेट पर पैसे उधार लेते हैं, उस रेट को रेपो रेट कहते हैं। ज्यादातर बैंक ग्राहकों को लोन देने के लिए इस रेट को बतौर बेंचमार्क इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए रेपो रेट बढ़ने पर लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ जाता है।
पिछले साल मई से लगातार रेपो रेट बढ़ने की वजह से बैंकों ने भी लोन के इंटरेस्ट रेट लगातार बढ़ाए हैं। आखिर RBI ने रेट क्यों नहीं बढ़ाया? RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का रेपो रेट नहीं बढ़ाने का फैसला चौंकाने वाला है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का कहना था कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। इसकी वजह यह है कि अब तक रिटेल इनफ्लेशन काबू में नहीं आया है।
लेकिन, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया है। RBI का रुख क्या संकेत देता है? इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाने का RBI का फैसला कई तरह के संकेत देता है। इससे यह पता चलता है कि RBI अब तक रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी का असर देखने के लिए कुछ और समय तक इंतजार करना चाहता है। यही वजह है कि MPC के सभी सदस्यों ने एकराय से इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाने का फैसला किया।
कुछ हफ्ते पहले MPC की एक प्रमुख सदस्य ने कहा था कि लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की बजाय केंद्रीय बैंक को अब तक हुई बढ़ोतरी का असर देखने के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह बात अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के बारे में कही थी। पिछले महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक Federal Reserve ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया था। उसने इंटरेस्ट रेट तब बढ़ाया था, जब अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस चल रहा था। इसके बाद यह अंदाजा लगाया गया था कि इंडिया में भी RBI इंटरेस्ट रेट में एक-चौथाई फीसदी की वृद्धि कर सकता है। लेकिन, 6 अप्रैल को शक्तिकांत दास के रेपो रेट नहीं बढ़ाने के फैसले से यह संकेत मिलता है कि RBI जरूरी नहीं कि Federal Reserve के पीछे-पीछे चलता दिखे।
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