डॉलर की ताकत खत्म करने का ‘ब्लूप्रिंट’ तैयार, इन ‘पंचों’ के साथ आए 19 देश

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डॉलर की ताकत खत्म करने का ‘ब्लूप्रिंट’ तैयार, इन ‘पंचों’ के साथ आए 19 देश । दुनिया में डॉलर की ताकत कितनी है इसके बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं, लेकिन इसे खत्म कैसे किया जाए? किसमें इतना दम है कि डॉलर की ताकत को खत्म करे? क्या कोई एक देश ऐसा कर सकता है?

या इसके लिए भी कुछ देशों की जरुरत पड़ेगी? इन तमाम सवालों के जवाब शायद उस खबर में छिपे हैं, जो बीते 24 घंटे हवा से तैर रही है. वास्तव में डॉलर की बादशाहत खत्म करने का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है. जी हां, हम बात ब्रिक्स संगठन की कर रहे हैं, जिसमें दुनिया की एक चौथी जीडीपी की हिस्सेदारी रखने वाले 5 देश शामिल है.

ब्रिक्स में भारत, ब्राजील, रूस, चीन और साउथ अफ्रीका शामिल है. इस संगठन में शामिल होने के लिए 19 देशों ने और आवेदन किया है. इस संगठन में आखिरी बार साल 2010 में साउथ अफ्रीका की ज्वाइनिंग हुई थी. ये पांच देश डॉलर की ताकत को खत्म करने की अगुवाई करने को तैयार हैं. जिसमें 19 देशों का साथ मिलता हुआ दिखाई दे सकता है. इसके अलावा इस मुहिम में वो देश भी शामिल हो सकते हैं जो भले ही ब्रिक्स में शामिल ना हो या फिर नहीं हो सकते, लेकिन ब्रिक्स देशों के साथ उनकी स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप काफी अच्छी है. आइए इस ब्लूप्रिंट को समझने की कोशिश करते हैं और हर उस पन्ने को पलटने का प्रयास करते हैं, जिसमें डॉलर की ताकत को खत्म करने के कोशिश तेजी के साथ हो रही हैं.

भारत चाहता है रुपये में ट्रेड

बीते कुछ समय से भारत रुपये में ट्रेड करने की बात कर रहा है. इसके लिए उसने कई देशों से बात भी कर ली है. साथ ही ऐसे अकाउंट भी ओपन हो गए हैं, जो दूसरे देशों के साथ ट्रेडिंग के दौरान रुपये में सेटलमेंट करने में मदद करेंगे. इसे वोस्ट्रो अकाउंट कहा जाता है. मार्च 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई ने बोत्सवाना, फिजी, जर्मनी, गुयाना, इज़राइल, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, ओमान, रूस, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, तंजानिया, युगांडा और यूनाइटेड किंगडम को वोस्ट्रो अकाउंट ओपन करने की परमीशन दी है.

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने 18 देशों के घरेलू और ऑथराइज्ड विदेशी बैंकों को वोस्ट्रो अकाउंट खोलने के लिए अब तक कुल मिलाकर 60 अप्रूवल दिए हैं. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार फरवरी में रोसबैंक, टिंकॉफ बैंक, सेंट्रो क्रेडिट बैंक और मॉस्को के क्रेडिट बैंक सहित 20 रूसी बैंकों ने भारत के पार्टनर बैंकों के साथ स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट खोले हैं. रुपये में ट्रेडिंग बढ़ने से रुपये की वैल्यू में इजाफा होगा और ग्लोबल करेंसी के रूप में मान्यता बढ़ेगी.

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युआन के जरिये चीन लगा रहा सेंध

वहीं दूसरी ओर चीन भी युआन के जरिये डॉलर की ताकत को खत्म करने का प्रयास कर रहा है. रूस ने अपने देश में चीन के युआन को मान्यता दी है. इसके अलावा रूस दुनिया के करीब एक दर्जन देशों के साथ युआन में ही ट्रेडिंग करने का ऐलान कर दिया है. उसके बाद से युआन के प्रभुत्व में और भी इजाफा हुआ है. इसका मतलब है कि युआन को ग्लोबल करेंसी के तौर पर मान्यमा मिली है. इसके अलावा चीन दुनिया के 130 देशों के साथ ट्रेड करता है, जिनमें से कई देशों में उसका कारोबार युआन में ही होता है. ये डॉलर को एक गहरी चोट है.

रूस का डी-डॉलराइजेशन

रूस-यूक्रेन वॉर के बाद से अमेरिका और यूरोप ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए. रूस के 300 बिलियन डॉलर फॉरेन रिजर्व पर कब्जा कर लिया गया. इसके लिए रूस के अरबपतियों की संपत्ति और पैसों को जब्त कर लिया गया. जिसके बाद से रूस ने डी-डॉलराइजेशन कैपेंन शुरू किया. जिसके बाद उसने पूरी दुनिया में रूबल में ट्रेडिंग करने की बात कही, लेकिन रूबल में उतनी ताकत नहीं वो ग्लोबल करेंसी की ओर बढ़ सके. जिसकी वजह से उसे युआन की ओर जाना पड़ा. भारत से भी उसकी बात रुपये में ट्रेडिंग करने को चल रही है. रूस जहां भी जा रहा है अपने डी-डॉलराइजेशन के कैंपेन को साथ लेकर चल रहा है.

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ब्रिक्स लेकर आएगा नई करेंसी

वहीं दूसरी ओर ब्रिक्स भी अपनी खुद की करेंसी लाने का विचार कर रहा है. 30 मार्च को रूसी संसद के उपाध्यक्ष अलेक्सांद्र बाबाकोव ने कहा था कि ब्रिक्स अब अपने खुद की करेंसी लाने पर विचार कर रहा है. इस पर पांचों देशों की सहमति आराम से बन सकती है. वहीं जिन 19 देशों के ब्रिक्स में आने का आवेदन किया है वो भी उस करेंसी को अपना सकते हैं. सऊदी अरब और ईरान उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने औपचारिक रूप से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए कहा है. जिन अन्य देशों ने शामिल होने में रुचि व्यक्त की है, उनमें अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, मिस्र, बहरीन और इंडोनेशिया शामिल हैं, साथ ही ईस्ट अफ्रीका के दो देश और पश्चिम अफ्रीका का एक देश शामिल है. ऐसे में डॉलर को धराशाई करने करने की पूरी तरह से तैयारी की जा चुकी है.

By TV9 Bharatvarsh

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