Artificial Intelligence यानी एआई की चर्चा चारों तरफ होने लगी है, एक ओर जहां एआई के फायदों की बात की जा रही है तो वहीं कई बड़े दिग्गज इसके खतरे को लेकर दुनिया को आगाह कर रहे हैं.बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के चीफ इकनॉमिस्ट Michael Schwarz ने कहा कि किसी गलत व्यक्ति के हाथ में अगर ये टेक्नोलॉजी लगती है तो ये बहुत ही खतरनाक हो सकता है.
Michael Schwarz ने जिनेवा में आयोजित वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम पैनल में अपनी बात को रखते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि एआई का इस्तेमाल कुछ बुरे लोगों द्वारा किया जा सकता है जो वास्तव में बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. बता दें कि ChatGPT के आने के बाद से एआई टूल का इस्तेमाल काफी हद तक बढ़ गया है.
वहीं, दूसरी तरफ एआई के गॉडफादर Geoffrey Hinton ने भी हाल ही में गूगल से इस्तीफा दिया है और उन्होंने एआई के खतरों के बारे में बताया था. Geoffrey Hinton को आखिर एआई से जुड़ा कौन सा डर सता रहा है, आइए जानते हैं.
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न्यूरल नेटवर्क
Geoffrey Hinton ने बताया कि हमारा दिमाग में 86 बिलियन न्यूरॉन मौजूद है, सबसे खास और बड़ी बात तो यह है कि ये न्यूरॉन आपस में 100 ट्रिलियन कनेक्शन बनाते हैं. वहीं, जब बात टेक्नोलॉजी की आती है तो चैटजीपीटी 500 बिलियन और ट्रिलियन कनेक्शन बनाता है.
इंटरव्यू में जेफ्री हिंटन ने कहा कि यही सबसे बड़ी दिक्कत और समस्या है, जीपीटी 4 लेटेस्ट एआई मॉडल है जो एक व्यक्ति की तुलना में कई गुना जानता है.
एआई है सबसे ज्यादा स्मार्ट
पहले कहा जाता था कि आर्टिफिशल न्यूरल नेटवर्क नई चीजों को सीखने में ज्यादा टाइम लेता था लेकिन अब ऐसा नहीं है. जेफ्री हिंटन ने संकेत दिया है कि रिसचर्स से अगर सही से ट्रैनिंग मिले तो जीपीटी 4 जल्दी से नई चीजें सीख सकता है. यही वजह है जेफ्री हिंटन को ऐसा लगता है कि एआई सिस्टम हम लोगों से ज्यादा स्मार्ट है क्योंकि एआई हम सभी से जल्दी नई चीजें सीख सकता है.