आरआरबी परीक्षाओं (स्तर -1) के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय

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रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के स्तर-1 पदों के लिए चौथे चरण की परीक्षा 19.9.22 से शुरू हो गई है। 12 क्षेत्रीय रेलवे को शामिल करते हुए सीबीटी के तीन चरण पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में स्तर-1 की 1,03,769 रिक्तियों के लिए 1,11,57,986 उम्मीदवारों ने आवेदन किये हैं। कंप्यूटर आधारित टेस्ट पांच चरणों में आयोजित किया जाना है। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने सीईएन आरआरसी 01/2019- स्तर- I (पूर्ववर्ती ग्रुप डी) की भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) आयोजित करने की जिम्मेदारी एक अत्यधिक प्रतिष्ठित कंपनी को दी है। आरआरबी ने परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की है। किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने और ख़त्म करने के लिए प्रणाली में विभिन्न सुरक्षा उपायों का निर्माण किया गया है, जिनमें अन्य के साथ निम्न शामिल हैं:

  • उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र का आवंटन कंप्यूटर लॉजिक के माध्यम से यादृच्छिक रूप में किया जाता है।
  • एक बार जब उम्मीदवार परीक्षा केंद्र पर रिपोर्ट करते हैं और खुद को पंजीकृत करते हैं, तो लैब और सीट का आवंटन भी यादृच्छिक रूप से किया जाता है।
  • प्रश्न पत्र उच्च स्तरीय कूट भाषा (256-बिट कूट भाषा) में है और उम्मीदवार के अलावा कोई भी प्रश्न पत्र तक नहीं पहुंच सकता है और वह भी तब, जब उम्मीदवार परीक्षा शुरू होने के बाद कंप्यूटर में दूसरा और अंतिम लॉगिन करता है और इस अवस्था में प्रश्न पत्र के कूट भाषा को अंतिम बार समाप्त करके सामान्य भाषा में लाया जाता है।
  • उम्मीदवारों को उपलब्ध कराए गए प्रश्न पत्र में प्रश्नों के क्रम के यादृच्छिक/फेरबदल के साथ-साथ प्रश्न के लिए उपलब्ध सभी चार विकल्पों का भी यादृच्छिक/फेरबदल किया गया है।
  • परीक्षा केंद्र में प्रत्येक उम्मीदवार के पास सबसे अलग प्रश्न पत्र होता है और प्रश्नों व विकल्पों के दिए गए क्रम के साथ किसी भी दो उम्मीदवारों के पास समान प्रश्न पत्र नहीं हो सकते हैं।
  • यह क्रम, आदर्श (मास्टर) प्रश्न पत्र में प्रश्नों के क्रम से बिल्कुल अलग होता है।
  • किसी भी उम्मीदवार के लिए कोई उत्तर कुंजी तैयार नहीं की जा सकती, क्योंकि किसी भी व्यक्ति के पास उम्मीदवार को आवंटित की जाने वाली सीट के साथ-साथ किसी उम्मीदवार के लिए प्रश्नों और विकल्पों के क्रम को जानने का तरीका नहीं है, जो वास्तव में सबसे अलग होते हैं। यह बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कंप्यूटर लॉजिक के माध्यम से तैयार की गयी प्रणाली है।
  • परीक्षाएं, प्रत्येक उम्मीदवार की पूरी रिकॉर्डिंग के साथ सीसीटीवी कैमरों की कड़ी निगरानी में आयोजित की जाती है।
  • परीक्षा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों के साथ-साथ परीक्षा संचालन एजेंसी के कर्मचारियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए रेलवे, प्रत्येक केंद्र पर अपने स्वयं के कर्मचारियों को भी तैनात करता है।
  • रेलवे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए सर्वर रूम में एक आरपीएफ कर्मी सहित दो व्यक्तियों को तैनात करता है।
  • स्तर -1 परीक्षा में पहली बार उम्मीदवारों के आधार प्रमाणीकरण की शुरुआत की गई है। आरआरबी द्वारा पहले से मौजूद उपायों के अलावा, आधार प्रमाणीकरण का उपयोग उम्मीदवार के बदले दूसरे के शामिल होने से रोकने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के रूप में किया जा रहा है। पहले से मौजूद उपायों में शामिल है – भर्ती प्रक्रिया के प्रत्येक चरण से लेकर नियुक्ति चरण तक; बायोमेट्रिक्स का संग्रह करना और इनका सत्यापन करना। आधार सत्यापित सफल उम्मीदवारों की दर 99.00 प्रतिशत से अधिक है।
  • रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ ईसीए द्वारा परीक्षा के पूर्व/दौरान/बाद में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। परिणामस्वरूप, कदाचार/अनुचित साधनों में संलिप्त कई उम्मीदवार नियमित रूप से पकड़े जा रहे हैं।

बढ़ी हुई निगरानी और अतिरिक्त पर्यवेक्षण के कारण, 19.09.2022 तक कदाचार/अनुचित तरीकों के कुल 108 मामले सामने आए हैं। 81 मामलों में पुलिस थानों में प्राथमिकी/जीडी दर्ज की गई है। 3 मामलों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।

उम्मीदवारों के प्रश्न पत्रों और उनके उत्तरों के साथ उनमें उल्लिखित विकल्पों की तुलना करके नक़ल करने के मामलों की गहन जांच की जाती है। नक़ल के कुल 19 मामले सामने आए हैं। विस्तृत विश्लेषण के बाद यह पाया गया है कि 18 मामलों में उम्मीदवारों की उत्तर कुंजी का मिलान नहीं हो रहा है। एक मामला विश्लेषण के चरण में है।

उम्मीदवारों के साथ किसी भी तरह के गठजोड़ होने से बचने के निवारक उपाय के रूप में ईसीए पर्यवेक्षकों का भी नियमित रूप से फेरबदल किया जा रहा है।

ऊपर बताए गए सभी कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी के लिए भी रेलवे में संदिग्ध तरीकों से उम्मीदवार का चयन कराना असंभव है। कदाचार में लिप्त उम्मीदवारों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करने के अलावा, ऐसे उम्मीदवारों को भविष्य में आरआरबी परीक्षा में बैठने से जीवन भर के लिए वंचित कर दिया गया है।

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अनैतिक तत्व द्वारा किए गए किसी भी झूठे दावे के झांसे में न आएं और अपने करियर की संभावनाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएं। उम्मीदवारों को गुमराह करने वाले दलालों/बिचौलियों के ऐसे किसी भी मामले/सूचना की सूचना, फोन नंबर: 0755-2746660 पर या ईमेल पते: msrrbbpl[at]gmail[dot]com पर दी जा सकती है।

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