खोए हुए परिजनों को अपनों से मिला रहा खोया-पाया केंद्र, एआई तकनीक साबित हो रही वरदान

प्रयागराज महाकुम्भ में सरकार द्वारा एआई तकनीक के माध्यम से स्थापित डिजिटल महाकुम्भ खोया-पाया केंद्र ने एक बार फिर अपनी दक्षता और मानवता के प्रति समर्पण को साबित किया है। आधुनिक तकनीक, एआई और समर्पित प्रशासनिक प्रयासों के माध्यम से खोए हुए बच्चों और उनके परिवारों का पुनर्मिलन तेजी और सटीकता के साथ किया जा रहा है। हाल ही में सेक्टर 4 के खोया-पाया केंद्र में दो बच्चों का उनके परिजनों के साथ सफलतापूर्वक पुनर्मिलन हुआ।

दो बच्चों को परिजनों से मिलाया
7 वर्षीय धर्मजीत और 6 वर्षीय विकास कुमार, दोनों को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से पाया और खोया-पाया केंद्र पहुंचाया। बच्चों की तस्वीरें डिजिटल प्लेटफॉर्म और टीवी स्क्रीन पर प्रदर्शित की गईं, जिससे उनके परिवारों तक जानकारी तेजी से पहुंच सकी।परिवारजन सूचना मिलने पर केंद्र पहुंचे और पहचान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चों को पुलिस की मौजूदगी में सुरक्षित सुपुर्द कर दिया गया। ये दोनों ही घटनाएं 15 जनवरी की हैं। दोनों को ही पुलिस द्वारा झूंसी एरिया से लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर लाया गया। दोनों ने खुद को चैनपुर निवासी बताया।

सरकार और प्रशासन का अभिनव प्रयास 
डिजिटल महाकुम्भ खोया-पाया केंद्र सरकार के कुशल प्रशासन और आधुनिक तकनीक के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। पूरे मेला क्षेत्र में कुल 10 खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह केंद्र महाकुम्भ जैसे विशाल आयोजन में खोए हुए लोगों, विशेषकर बच्चों, को उनके परिवारों से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है। सरकार ने न केवल खोया-पाया केंद्र को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया है, बल्कि इसमें त्वरित प्रक्रिया, मानवीय संवेदनशीलता और पारदर्शिता का भी विशेष ध्यान रखा गया है। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालु  सरकार की इस पहल की सराहना कर रहे हैं। इस केंद्र ने न केवल परिवारों को राहत दी है, बल्कि उनकी आस्था और सुरक्षा के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया है।

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