14 अप्रैल की दोपहर 2:42 बजे मेष राशि में गोचर करेंगे सूर्य देव, 4 राशियों में होगी हलचल

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Sun transit 2023: सूर्य देव 14 अप्रैल, 2023 को दोपहर 02:42 बजे मेष राशि में गोचर करेंगे। 14 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023 तक सूर्य मेष राशि में ही रहेंगे। सूर्य देव के इस गोचर के दौरान इन 4 राशि के जातकों को सावधान रहना होगा।

ज्योतिषचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा के अनुसार इन 4 राशि के जातकों के जीवन में हलचल होगी।

वृषभ राशि-

बारहवें भाव में सूर्य धन की हानि देता है। वृषभ राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार में इस गोचर के दौरान विवादों का सामना करना पड़ सकता है।

कन्या राशि-

काम का दबाव अधिक हो सकता है और इस वजह से जातक लापरवाही के कारण अपने काम में गलतियां कर सकते हैं। व्यवसाय करने वाले जातकों को हानि और लाभ दोनों का अनुभव हो सकता है। मेष राशि में सूर्य की स्थिति अधिक खर्च और हानि का कारण बन सकती है।

तुला राशि-

करियर के मामले में आपको थोड़ा निराश होना पड़ सकता है। कामकाज के मोर्चे पर गड़बड़ी हो सकती है और काम का दबाव भी अधिक हो सकता है। अवांछित यात्रा हो सकती है। बड़े फैसले लेने में सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि उन्हें नुकसान होने की संभावना है।

मकर राशि

अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सतर्क रहने की आवश्यकता है। लाभ की जगह नुकसान होने की संभावना है। खर्चों में अधिकता आएगी। धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है। जातकों का जीवनसाथी के साथ विवाद हो सकता है।

हर सौर वर्ष में एक सौर खरमास

खरमास वर्ष में 2 बार खरमास लगता है। हर सौर वर्ष में एक सौर खरमास कहलाता है। अधिकमास अलग होता है और खरमास अलग। खरमास में सूर्य की गति धीमी पड़ जाती है और हवाओं में ठंडक भी रहती है। खरमास के लगते ही विवाह आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। पंडित गणेश शर्मा के अनुसार खरमास 15 मार्च को प्रारंभ हुआ था। सूर्य से 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश किया था तब से खरमास प्रारंभ हुआ और यह इस माह यानी 14 अप्रैल को मेष राशि में जब प्रवेश करेगा तो खरमास समाप्त हो जाएगा।

खरमास का मीन संक्रांति से क्या है सम्बन्ध

जब सूर्य, बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब से ही खरमास आरंभ होता है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की गति मंद पड़ जाती है। पंचाग के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खरमास कहा जाता है। खरमास को मलमास भी कहा जाता है। •खरमास में खर का अर्थ ‘दुष्ट’ होता है और •मास का अर्थ •महीना होता है। मान्यता है कि इस माह में मृत्यु आने पर व्यक्ति नरक जाता है।

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