नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाब से सटे चंडीगढ़ के लिए भी नशा एक बड़ी समस्या बन रहा है। हालांकि पंजाब के उलट चंडीगढ़ में कम मात्रा में नशे की सप्लाई हो रही है। ऐसे में तस्करों को पकड़ पाना भी पुलिस के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
गांजे के कारोबार में नक्सलवादी भी जुड़े हुए हैं, जिसकी ओड़िशा और आंध्र प्रदेश की सीमा पर जंगली क्षेत्र में खेती हो रही है।
हेरोइन दिल्ली में उन जगहों से पहुंच रही जहां नाइजेरियन ज्यादा
जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा जिन नशों की तस्करी हो रही है उनमें हेरोइन, चरस, गांजा, अफीम, भुक्की और एम्फेटामाइन यानि आईस है। शहर की कॉलोनियों से लेकर नाइट क्लबों तक नशे का व्यापार चल रहा है। नशे के कारोबार के खात्मे के लिए चंडीगढ़ पुलिस अपनी मुहिम को और तेज कर रही है। जल्द ही क्लब, पब, बार आदि समेत अहम जगहों पर एक विशेष व्हाट्सएप नंबर जारी होगा, जिस पर कोई भी गुप्त रूप से ड्रग के लेनदेन की जानकारी पुलिस को दे पाएगा।
हेरोइन में गैंगस्टर्स और नाइजेरियन का रोल
पुलिस के मुताबिक शहर में हेरोइन और एम्फेटामाइन यानि आईस मुख्य रूप से दिल्ली के द्वारका, उत्तम नगर, नवाडा से आ रही है जहां नाइजीरियन ज्यादा संख्या में रहते हैं। वहीं पंजाब में सरहदी इलाकों जैसे तरनतारन, फिरोजपुर और अमृतसर से भी हेरोइन शहर में पहुंच रहा है। पुलिस का कहना है कि तस्कर छोटी मात्रा में पैकेट्स में नशा ला रहे हैं, जिसे छिपाना भी आसान हो। वहीं पार्सल के जरिए भी शहर में नशा पहुंच रहा है। पुलिस के मुताबिक हेरोइन महंगा नशा है। इसका आदी अपने दोस्तों और अन्यों को इसकी लत लगाता है जिसे प्लांटिंग न्यू सीड्स कहा जाता है। ड्रग सिंडिकेट में पंजाब के गैंगस्टर और नाइजेरियन के ग्रुप भी शामिल हैं जो दिल्ली में रहते हैं।
हिमाचल में चरस की खेती और चंडीगढ़ में सप्लाई
चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक चरस शहर में मुख्य रूप से नेपाल समेत कुल्लू, मनाली, मनीकर्ण और चंबा से आ रही है। उच्च गुणवत्ता की चरस की खेती कुल्लू, मनाली और चंबा में हो रही है। जब इसकी कमी पड़ती है तो इसके तस्कर कुल्लू से इसे मंगवाते हैं। यह ज्यादातर निजी गाड़ियों, वोल्वो बस और सब्जी की गा़ड़ियों के जरिए मंडी में पहुंच रही है। वहीं हिमाचल के कुछ छात्र भी अन्य छात्रों को इसे बेच रहे हैं। प्रशिक्षित मजदूर हिमाचल प्रदेश और नेपाल में इसकी खेती कर रहे हें।
गली मोहल्लों तक फैला नशे का कारोबार
वहीं गांजा शहर में ओड़िशा, आंध्र प्रदेश और बिहार से पहुंच रहा है। यह ट्रकों, ट्रेन और निजी गाड़ियों में आ रहा है। नक्सलवादियों के साथ मिल कर ओड़िशा और आंध्रा सीमा पर जंगली क्षेत्र में इसकी खेती हो रही है। अफीम शहर में मुख्य रूप से झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुवाहाटी से पहुंच रही है। यह बसों, निजी वाहनों और ट्रक ड्राइवरों के जरिए आ रही है। अफीम के लाइसेंसी किसान ड्राइवरों और हाईवे पर ढाबों के जरिए इसका कारोबार चल रहा है। इसी तरह भुक्की का मुख्य स्त्रोत राजस्थान और मध्य प्रदेश का सरहदी इलाका है। यह भी बसों, ट्रकों और निजी वाहनेां से आता है। लाइसेंसी किसान, ट्रक ड्राइवर और ढाबा संचालक इस काम में लगे हैं।
ज्यादातर सप्लाई कॉलोनियों के आसपासचंडीगढ़ में एनडीपीएस केसों में जिन जगहों पर ज्यादा गिरफ्तारियां की गई हैं उनमें खुड्डा लाहोरा का पुल, सेक्टर 16/23 का छोटा चौक, सेक्टर 25 गैस एजेंसी वाला मोड़, ईडब्ल्यूएस कॉलोनी, धनास में सामुदायिक भवन के पास, सेक्टर 26 ट्रांसपोर्ट एरिया, मनीमाजरा के शिवालिक गार्डन के पास, मौली जागरां के प्राचीन शिव मंदिर के पास, मौलीजागरां के निरंकारी भवन के पास, विकास नगर, मौली जागरां के सामुदायिक भवन के पास, किशनगढ़ चौक के पास, मनी माजरा के स्पोर्ट्स कांप्लैक्स के पास, मौली जागरां के शमशान घाट के पास, रेलवे रोड, मौली जागरां में शनि मंदिर के पास, पाल्ट्री फार्म चौक से से राम दरबार रोड पावर हाउस के पास, राम दरबार फेज 2 में शिव मंदिर के पास, सेक्टर 50 के स्पोर्ट्स कांप्लैक्स के पास, सेक्टर 43 बस स्टैंड के पास, सेक्टर 39 की जीरी मंडी के पास, सेक्टर 39 के पेट्रोल पंप के पास, मलोया में राधा स्वामी सत्संग भवन के पास, सेक्टर 40 सी और डी के टर्न के पास, सेक्टर 45 में टी प्वाइंट के पास, सेक्टर 17 फुटबाल ग्राउंड, परेड ग्राउंड और सर्कस ग्राउंड के पास की जगह शामिल है।
एएनटीएफ ने 9 महीने 34 गिरफ्तारियां कीक्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स पिछले साल जुलाई में बनी थी और अभी तक 26 केसों में 34 लोगों को पकड़ा जा चुका है। इनसे 12.855 किलो चरस, 1.971 किलो हेरोइन, 7.510 किलो गांजा, 2.805 किलो अफी और 170 किलो भुक्की पकड़ी जा चुकी है। पिछले साल तक चंडीगढ़ पुलिस 500 करोड़ के लगभग की ड्रग को नष्ट कर चुकी है।
वर्ष 2022 में पकड़ा गया ड्रग और आरोपी
नशा केस आरोपी मात्रा
स्मैक/हेरोइन 101 104 साढ़े 6 किलो
गांजा 19 19 95 किलो
चरस 25 29 12,700 किलो
भुक्की 6 7 232 किलो
अफीम 12 11 8.800 किलो
आईस — — 36 ग्राम
कैप्सूल, टेबलेट 19 19 797 इंजेक्शन,1830 नशीले कैप्सूल
अन्य 1 2 —
इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक दर्ज केस
नशा केस आरोपी मात्रा
स्मैक/हेरोइन 22 22 845 ग्राम
गांजा 2 2 2.400 किलो
चरस 2 2 2.500 किलो
भुक्की 1 2 170 किलो
अफीम 1 — 1 किलो से ज्यादा
नशीली टेबलेट, सिरप 1 — 15 पत्ते और 105 कफ सिरप
एसपी के अनुसार
नशे के तस्करों पर काबू पाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। वहीं शहर की युवा पीढ़ी को नशों से बचाने के लिए उन्हें खेलो के साथ जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसके अलावा नशे के खिलाफ जागृति के लिए विशेष जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं में न बंसल, एसपी क्राइम, चंडीगढ़, पुलिस।
सोर्स अमर उजाला