क्यों जीतकर भी टेंशन में है AAP, कैसे BJP का फायदा करा सकती है कांग्रेस; यह है पूरा खेल

Read Time:5 Minute, 55 Second

क्यों जीतकर भी टेंशन में है AAP, कैसे BJP का फायदा करा सकती है कांग्रेस; यह है पूरा खेल । आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में जल्द मेयर चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। दिसंबर में हुए एमसीडी चुनाव में कुल 250 में से 134 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली ‘आप’ की चिंता सिर्फ यह नहीं है कि दो बार मेयर का चुनाव टल चुका है, बल्कि 15 साल पुरानी सत्ता गंवा चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुकाबले को मुश्किल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

‘आप’ नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट से एक तरफ तो यह मांग की है कि चुनाव जल्द सुनिश्चित कराने के लिए समयसीमा तय कर दी जाए तो वहीं एलजी की ओर से नामित 10 पार्षदों (एल्डरमैन) को मेयर चुनाव में वोटिंग की अनुमति ना दी जाए। एमसीडी के पार्षद ना सिर्फ मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करेंगे, बल्कि स्टैंडिंग कमिटी के 18 में से 6 सदस्यों के लिए भी वोटिंग होगी। मेयर निगम का मुखिया जरूर होता है, लेकिन कार्यकारी शक्ति स्टैंडिंग कमिटी में ही निहित है। प्रॉजेक्ट्स के लिए आर्थिक मंजूरी, नीतियों के निर्माण, शिक्षा, पर्यावरण, पार्किंग आदि के लिए उपसमिति का गठन आदि महत्वपूर्ण काम स्टैडिंग कमिटी के सदस्य ही तय करते हैं। कमिटी का एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष होता है, जोकि सदस्यों के बीच से ही चुना जाता है। इसलिए कमिटी में स्पष्ट बहुमत होना बेहद अहम है।

कैसे होता है कमिटी के लिए चुनाव
मेयर चुनाव के बाद कमिटी के छह सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है। एक सदस्य की जीत के लिए 36 वोटों की आवश्कता होती है। शेष 12 का चुनाव वार्ड कमिटी के जरिए होता है। एमसीडी को 12 जोन में विभाजित किया गया है। हर जोन में एक वार्ड कमिटी है। जिसमें उस इलाके के सभी पार्षद और एल्डरमैन होते हैं। एलजी 10 एल्डरमैन को नामित करते हैं, जो दिल्ली के अलग-अलग जोन या फिर एक ही जोन से हो सकते हैं।

क्या-क्या बन रहे हैं समीकरण?
‘आप’ को आशंका है कि यदि कांग्रेस वोटिंग से दूर रही तो बीजेपी स्टैंडिंग कमिटी के 18 में से आधे सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा 18 में से 10 सीटों पर जीत हासिल कर ले।

कांग्रेस के स्टैंड पर क्यों नजर?
छह कमिटी सदस्यों के लिए सभी निर्वाचित पार्षद वोट करेंगे। वरीयता आधारित वोटिंग सिस्टम में पहले 36 वोट पाने वाला पार्षद जीत जाएगा। इस फॉर्मूले के मुताबिक, 134 पार्षद वाले ‘आप’ को आसानी से 3 सीटों पर जीत मिल जाएगी। 105 (104 पर जीत और एक निर्दलीय के समर्थन) पार्षद वाली बीजेपी को 2 सीट आसानी से मिल सकती है। कांग्रेस ने मेयर चुनाव से गैरमौजूदगी का फैसला किया है, यदि इस पर बरकरार रहती है तो समीकरण बदल सकते हैं। कांग्रेस के 9 सदस्यों के सदन में नहीं रहने पर स्टैंडिंग कमेटी की एक सीट पर जीत के लिए 35 वोटिंग की आवश्यकता होगी। ऐसा होने पर भाजपा को फायदा होगा और ‘आप’ की तरह तीन सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।

वार्ड कमिटी का चुनाव
शेष 12 सदस्यों का चुनाव 12 जोन के वार्ड कमिटी के जरिए होगा। यहां एल्डरमैन की भूमिका अहम हो जाती है। ‘आप’ के पास 8 जोन में बहुमत है और 4 जोन में भाजपा के पास। लेकिन 10 एल्डरमैन इस समीकरण को बदल सकते हैं। 10 एल्डरमैन में से चार सिविल लाइंस जोन से नामित हैं, 4 नरेला जोन और दो सेंट्रल जोन से हैं। इसका मतलब है कि आप के पास पहले दो जोन में बहुमत नहीं होगा और सेंट्रल जोन में कांटे की टक्कर होगी। ‘आप’ को एल्डमैन की नियुक्ति से पहले 12 में से 8 स्टैंडिंग कमिटी मेंबर मिलने की उम्मीद रही होगी, लेकिन हो सकता है कि 6 से ही संतोष करना पड़े और सेंट्रल जोन में हारने पर 5 पर सिमट सकते हैं। कांग्रेस के अनुपस्थित रहने पर भाजपा और आप दोनों को ही 6-6 सीटों पर जीत मिल सकती है। इस तरह एमसीडी में बहुमत के बावजूद ‘आप’ 18 में से 8 तक पर सिमट सकती है। यही वजह है कि ‘आप’ कांग्रेस से समर्थन चाहती है या फिर बायकॉट के फैसले को भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश बता रही है।

By Live हिन्दुस्तान

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Sonam Wangchuk Protest: क्यों अनशन पर उतरे थ्री इडियट्स के ‘रैंचो’, पीएम मोदी के लिए कही ये बात
Next post IGMC Shimla: हिमाचल के सबसे बड़े IGMC अस्पताल के 171 डॉक्टर्स छुट्टी पर गए
error: Content is protected !!